डेली मन्ना
                
                    
                        
                
                
                    
                        
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            कार्य करें (करना)
Wednesday, 24th of September 2025
                    
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                                परमेश्वर का शब्द
                            
                        
                                                
                            
                                विनम्रता
                            
                        
                                                
                    
                            इसलिये कि तू वे बातें सुन कर दीन हुआ, और मेरी वे बातें सुन कर कि इस स्थान और इसके निवासियों देख कर लोग चकित होंगे, और शाप दिया करेंगे, तू ने यहोवा के साम्हने अपना सिर नवाया, और अपने वस्त्र फाड़ कर मेरे साम्हने रोया है, इस कारण मैं ने तेरी सुनी है, यहोवा की यही वाणी है। (२ राजा २२:१९)
जब राजा योशिय्याह ने परमेश्वर का वचन सुना, तो वह दोषी ठहराया गया और पश्चाताप के चिन्ह के रूप में उसके कपड़े फाड़ दिए।
प्रभु ने तब नबी हुल्दा के माध्यम से बात की थी। वाक्यांश पर ध्यान दें: "मेरी वे बातें सुन कर कि इस स्थान के खिलाफ क्या बोलता हूं।"
यहाँ दिलचस्प बात यह है कि योशिय्याह ने न तो स्वर्गदूतों को देखा और न ही कोई सुनाई देने योग्य आवाज सुनी। वह केवल शापान मंत्री के द्वारा पढ़े जा रहे वचन को सुन रहा था और फिर भी प्रभु ने कहा, "जब तुमने सुना तो मैंने क्या बोला" यह मुझे बताता है कि जब भी हम परमेश्वर के वचन को पढ़ रहे हैं या वचन को सुन रहे हैं, तो यह प्रभु है जो सीधे हमसे बात कर रहे हैं। हमें किसी विशेष अभिनय की जरुरत नहीं है; यह प्रभु स्वयं बोल रहा है और हमें इस सच पर ध्यान देने की जरुरत है।
इसके अलावा, प्रभु ने नबी हुल्दा के माध्यम से कहा, "जब तू अपने वस्त्र फाड़ कर मेरे साम्हने रोया है, इस कारण मैं ने तेरी सुनी है"
फिर से, बाइबिल योशिय्याह द्वारा की गई विशेष प्रार्थना अभिलेख नहीं करती है। वह रोता और अपने कपड़े फाड़ दिया (गहरी पश्चाताप की चिन्ह)। यह तो हम सभी जानेंगे कि शब्द (वचन) से अधिक कार्य (क्रिया) बोलती है। 
यह मुझे बताता है कि परमेश्वर के वचन के आधार पर हमारे कार्य परमेश्वर को हमें सुनने का कारण बनता है।
क्या यह भी एक और कारण हो सकता है कि कुछ लोगों की प्रार्थना का उत्तर नहीं मिली हो? वे सभी बात करते हैं और कोई कार्य (क्रिया) नहीं है। विश्वास की मेरी परिभाषा: परमेश्वर के वचन पर आधारित एक कार्य (क्रिया)।
मेरे दोस्त, अगर आपको अपनी प्रार्थनाओं के उत्तर देखने की जरुरत है तो मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आपके द्वारा सुने गए वचन के आधार पर कार्य करें।
उदाहरण के लिए, आपको छुटकारे की जरुरत है,
याकूब ४:७ कहता है, "इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा।"
यदि परमेश्वर के वचन को अधीनता से स्वीकार नहीं किया गया, तो शैतान भाग नहीं जाएगा। लेकिन जब आप आधीन हो जाते हैं (एक क्रिया) तो शैतान के पास आपके जीवन से बहार एकतरफा टिकट लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
Bible Reading: Daniel 10-11
                अंगीकार
                पिता, यीशु के नाम में, मैं घोषणा करता हूं कि मैं वह हूं जो बाइबल कहती है कि मैं हूं, मैं वह कर सकता हूं जो बाइबल कहती है कि मैं कर सकता हूं, और मेरे पास वह होगा जो बाइबल कहती है कि मेरे पास हो सकता है।।
पिता, यीशु के नाम में, मैं घोषणा करता हूं कि मैं रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलूंगा। अमीन।
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