डेली मन्ना
दिन ०६: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Saturday, 16th of December 2023
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उपवास और प्रार्थना
मैं व्यर्थ परिश्रम नहीं करूँगा
“परिश्रम से सदा लाभ होता है, परन्तु बकवाद करने से केवल घटती होती है।” (नीतिवचन १४:२३)
फलवन्त होना एक आज्ञा है। यह उन प्रमुख आज्ञाओं का हिस्सा था जो परमेश्वर ने मनुष्य को बनाने के बाद उसे दिया था। लाभहीन परिश्रम इस बात का चिन्ह है कि शत्रु आपके जीवन में काम कर रहा है।
जब लोगों पर इन ताकतों द्वारा हमला किया जाता है, तो उनके पास अपने परिश्रम को दिखाने के लिए कुछ नहीं होगा। कभी-कभी, ये शक्तियां उन्हें काम करने और कुछ परिणाम प्राप्त करने की अनुमति दे सकती हैं, लेकिन रातोंरात, परेशानी और नुकसान होगा जो उनके कही सालों के परिश्रम को नष्ट कर देगा।
बहुत से विश्वासी व्यर्थ परिश्रम कर रहे हैं; वे शैतान की कार्यप्रणाली से अनजान हैं। इन विश्वासियों को वरदान मिला है, लेकिन उन्नति नहीं हैं; उनके पास बिना नौकरी के योग्यता और पैसे के बिना बुद्धि है। उनमें से कुछ लोगों के पास कई काम हैं, सुबह से रात तक काम करते हैं, और अभी भी कर्ज में जी रहे हैं। कुछ विश्वासी अपने व्यवसाय में पहले से ही सफल हैं, इसलिए उन्हें नहीं लगता कि उन्हें इस प्रकार की प्रार्थना करने की जरुरत है। उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि शैतान के हमले से पहले प्रार्थना करना बेहतर है बजाय उसके हमले को सफलतापूर्वक शुरू करने के बाद। क्यूंकि अगर हम लापरवाह हैं तो शैतान किसी भी समय हमला कर सकता है, आज की सफलता कल खो सकती है। उदाहरण के लिए अय्यूब को लीजिए। वह पहले से ही सफल और प्रतिष्ठित था, लेकिन जब शैतान ने उस पर हमला किया, तो उसने एक दिन में सब कुछ खो दिया। यदि परमेश्वर उसके साथ नहीं होता तो अय्यूब पुनःस्थापित नहीं होता।
लोगों के व्यर्थ परिश्रम करने के कुछ प्रमुख कारण
१. बंधन
इस्राएली बंधन में थे,और उनका सारा परिश्रम उनके परिश्र्म करानेवाले के लिथे होता था।
९ और उसने अपनी प्रजा से कहा, देखो, इस्राएली हम से गिनती और सामर्थ्य में अधिक बढ़ गए हैं। १० इसलिये आओ, हम उनके साथ बुद्धिमानी से बर्ताव करें, कहीं ऐसा न हो कि जब वे बहुत बढ़ जाएं, और यदि संग्राम का समय आ पड़े, तो हमारे बैरियों से मिलकर हम से लड़ें और इस देश से निकल जाएं। ११ इसलिये उन्होंने उन पर बेगारी कराने वालों को नियुक्त किया कि वे उन पर भार डाल डालकर उन को दु:ख दिया करें; तब उन्होंने फिरौन के लिये पितोम और रामसेस नाम भण्डार वाले नगरों को बनाया।
१३ तौभी मिस्रियों ने इस्राएलियों से कठोरता के साथ सेवकाई करवाई। १४ और उनके जीवन को गारे, ईंट और खेती के भांति भांति के काम की कठिन सेवा से दु:खी कर डाला; जिस किसी काम में वे उन से सेवा करवाते थे उस में वे कठोरता का व्यवहार करते थे।
२. दुष्ट की दुष्टता
मिद्यानियों ने इस्राएल के बोने और बीज के बढ़ने की प्रतीक्षा की, और कटनी के समय, वे उन सभी को नष्ट करने के लिए प्रकट हुए जो उन्हें लाभ दे सकते थे; शत्रु इसी तरह कार्य करता है।
तब इस्राएलियों ने यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, इसलिये यहोवा ने उन्हें मिद्यानियों के वश में सात वर्ष कर रखा। और मिद्यानी इस्राएलियों पर प्रबल हो गए। मिद्यानियों के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ों के गहिरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिए। और जब जब इस्राएली बीज बोते तब तब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी लोगउनके विरुद्ध चढ़ाई करके अज्जा तक छावनी डाल डालकर भूमि की उपज नाश कर डालते, और इस्राएलियों के लिये न तो कुछ भोजनवस्तु, और न भेड़-बकरी, और न गाय-बैल, और न गदहा छोड़ते थे। क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिए हुए चढ़ाई करते, और
टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे; और उनके ऊंट भी अनगिनत होते थे; और वे देश को उजाड़ने के लिये उस में आया करते थे। और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दोहाई दी॥ (न्यायियों ६:१-६)
कभी-कभी, वे एक युवा व्यक्ति को उसकी जवानी में सफल होने की अनुमति दे सकती हैं, और बुढ़ापे में, वे उस बीमारी से गुजरेंगे जो उसके आर्थिक को नष्ट कर देगी।
कभी-कभी, वे बच्चों की मृत्यु का कारण बनते हैं, और बच्चे में माता-पिता का सारा निवेश बर्बाद हो जाता है। इससे पहले कि वे आपको रोकें उन्हें रोको; इससे पहले कि वे आपसे लड़ें, उनसे लड़ो। आपका शत्रु शरीर नहीं है, आपका शत्रु शैतान है, लेकिन वह लोगों को प्रभावित कर सकता है और आपके खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है। वे लोग आपके असली शत्रु नहीं हैं, परन्तु वे शैतान के प्रभाव में हैं। जिस क्षण आप आत्मिक शत्रु को रोकने के लिए प्रार्थना करते हैं, मानव पात्र के माध्यम से उसका प्रभाव भी ख़तम हो जाएगा।
३. पाप का जीवन शैली
पाप शत्रु को कानूनी पहुंच प्रदान कर सकता है।
परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ही के कारण वे रुक गए, और तुम्हारे पापों ही के कारण तुम्हारी भलाई नहीं होती। (यिर्मयाह ५:२५)
लाभहीन परिश्रम का अनुभव करने वालों के बाइबिल उदाहरण
१. बुद्धिमान व्यक्ति को भूल गये थे
सभोपदेशक ९:१५ में, बुद्धिमान व्यक्ति ने एक पूरे नगर को विनाश से बचाया, परन्तु उसे भुला दिया गया। उसके परिश्रम का प्रतिफल नहीं मिला। यह व्यक्ति बुद्धिमान है, लेकिन गरीब है क्योंकि जब भी यह लोगों की मदद करता है तो लोग उसे भूल जाते हैं। बुद्धि आपको धनी बना सकती है, लेकिन जब आप इस आत्मा से व्यवहार नहीं करते हैं जो लोगों से व्यर्थ परिश्रम करवाती है, तो आप एक "गरीब बुद्धिमान व्यक्ति" होंगे।
२. याकूब
याकूब को कई बार धोखा दिया गया था, और उसे अपने परिश्रम का पूरा प्रतिफल नहीं मिल रहा था। जिस चीज ने उसे बचाया वह उसके जीवन पर परमेश्वर की वाचा थी।
३८ इन बीस वर्षों से मैं तेरे पास रहा; उन में न तो तेरी भेड़-बकरियों के गर्भ गिरे, और न तेरे मेढ़ों का मांस मैं ने कभी खाया। ३९ जिसे बनैले जन्तुओं ने फाड़ डाला उसको मैं तेरे पास न लाता था, उसकी हानि मैं ही उठाता था; चाहे दिन को चोरी जाता चाहे रात को, तू मुझ ही से उसको ले लेता था। ४० मेरी तो यह दशा थी, कि दिन को तो घाम और रात को पाला मुझे खा गया; और नीन्द मेरी आंखों से भाग जाती थी। ४१ बीस वर्ष तक मैं तेरे घर में रहो; चौदह वर्ष तो मैं ने तेरी दोनो बेटियों के लिये, और छ: वर्ष तेरी भेड़-बकरियों के लिये सेवा की: और तू ने मेरी मजदूरी को दस बार बदल डाला। ४२ मेरे पिता का परमेश्वर अर्थात इब्राहीम का परमेश्वर, जिसका भय इसहाक भी मानता है, यदि मेरी ओर न होता, तो निश्चय तू अब मुझे छूछे हाथ जाने देता। मेरे दु:ख और मेरे हाथों के परिश्रम को देखकर परमेश्वर ने बीती हुई रात में तुझे डपटा। (उत्पत्ति ३१:३८-४२)
हमारे समाज में बहुत से लोग लाबान की तरह हैं; वे लोगों को धोखा देते हैं और उन्हें उनकी पूरी आशीष से वंचित करते हैं। यदि आप प्रार्थना करते हैं, तो परमेश्वर आपको पूर्ण अधिकार देने के लिए कदम उठा सकता है।
अधिक अध्ययनः लूका ५:५-७, यशायाह ६५:२१-२३, १ कुरिन्थियों १५:१०
प्रार्थना
हर एक प्रार्थना अस्त्र को तब तक दोहराएं जब तक कि यह आपके हृदय से गूंज न जाए। उसके बाद ही आपको अगले अस्त्र पर आगे बढ़ना चाहिए। प्रार्थना मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से करें, और आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित करें कि यह वास्तव में पूर्णहृदय से है, हर एक प्रार्थन मुद्दे के लिए कम से कम एक मिनट समर्पित करें।
१. अपनी फसल को नष्ट करने के लिए सौंपी गई हर शक्ति को मैं यीशु के नाम में बिखेरता हूं।'' (यशायाह ५४:१७)
२. अपने हाथों के कार्यों के विरुद्ध काम करने वाली किसी भी बुरी शक्ति को मैं यीशु के नाम में नष्ट कर देता हूं।'' (व्यवस्थाविवरण २८:१२)
३. परमेश्वर के अभिषेक और यीशु के लहू के द्वारा, अपने जीवन में अच्छी चीजों पर हमला करने वाली किसी भी शक्ति को मैं यीशु के नाम में नष्ट कर देता हूं।'' (१ यूहन्ना २:२७; प्रकाशितवाक्य १२:११)
४. मेरे स्वास्थ्य, व्यवसाय और परिवार को बिगाड़ने वाले भक्षक, लुटेरों को मैं यीशु के नाम में डांटता हूं।" (मलाकी ३:११)
५. मेरे परिश्रम को व्यर्थ करने के लिए सौंपी गई किसी भी शक्ति को मैं यीशु के नाम में मना करता हूं।" (यशायाह ६५:२३)
६. पिता, मेरे हाथों के कामों को आशीष कर और उन्हें १०० गुना फसल यीशु के नाम में लाने दे।" (उत्पत्ति २६:१२)
७. मैं अपने चुराए गए हर आशीष, गुण, अवसर और धन को यीशु के नाम में पुनः प्राप्त करता हूँ। (योएल २:२५)
८. यीशु के लहू से, अपनी नींव में किसी भी बुराई को मैं यीशु के नाम पर रोकता और खंड करता हूं। (इब्रानियों ९:१४)
९. कोई भी यंत्र जो मेरे स्वर्गीय पिता ने मेरे जीवन में नहीं लगाया है, उसे यीशु के नाम में उखाड़ दिया जाए। (मत्ती १५:१३)
१०. अपनी नींव से मेरे जीवन में आए किसी भी शाप और विफलता को मैं यीशु के नाम में नष्ट कर देता हूं। (गलातियों ३:१३)
११. मैं घोषणा करता हूं कि मेरे उद्देश्य और विधान के विरुद्ध रचा गया कोई भी हथियार सफल नहीं होगा, और मेरे भविष्य को पटरी से उतारने की शत्रु की हर योजना को मैं यीशु के नाम में विफल कर देता हूं। (यशायाह ५४:१७)
१२. प्रभु, मेरी ओर से लड़ने के लिए अपने योद्धा स्वर्गदूतों को मुक्त कर और मेरे जीवन के लिए आपकी इच्छा का विरोध करने वाले हर आत्मिक गढ़ को यीशु के नाम में नष्ट कर दें। (भजन संहिता ३४:७)
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