किसी ने कहा हैं की परमेश्वर केवल साथ रहनेवाली पत्नी को नहीं देख रहा हैं परंतु साथ में चलनेवाले जीवन-साथी को भी खोज रहा हैंI प्रारंभ से, परमेश्वरका आदम और हव्वा के साथ संबंध था "जिसमेंवेउद्यान के ठंडे मौसम में साथ चलतेनजर आए"I (उत्पत्ति ३:८)
हनोक यह पहला व्यक्ति था जिसने परमेश्वर के साथ चलने के आनंद को प्राप्त किया थाI
मथुशलह के जन्म के पश्चात् हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्वर का सहचर बना रहाI उसको अन्य पुत्र-पुत्रिया भी उत्पन्न हुईI इस प्रकार हनोक कुल तीन सौ पैंसठ वर्ष जीवित रहा I हनोक परमेश्वर का सहचर था I तत्पश्चात वह नहीं रहा; क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया I (उत्पत्ति ५:२२-२४)
अब जल्द नये नियम की ओर जाते हैंI जहां हम प्रभु यीशु को पानी पर चलता हुआ देखते हैंI यह देखकर, पतरस ने कहा, प्रभु, यदि आप हैं तो मुझे पानी के ऊपर अपने पास आने की आज्ञा दीजिएI (मत्ती १४:२८)I
बहुतोने पतरस की यह कह कर आलोचना की, कि "उसनेपानी पर चलने का प्रयास नहीं करना थाI" विल्यम केरी जिन्हें परमेश्वर ने महानता से उपयोग में लाया उन्होंने एक समय कहा था,"परमेश्वर से महान बातों की आशा करो, और परमेश्वर के लिए महान बातों का प्रयास करोI"
आप देखो यह परमेश्वर की इच्छा हैं कि हम उसके साथ चले औरउसने इस इच्छा को हमारे भीतर डाला हैं ताकि हम उसके साथ चलेI मैं विश्वास करता हूं यही कारण था कि पतरस ने प्रभु के साथ पानी पर चलने की इच्छा कीI
बड़ा प्रश्न यह हैं: मैं प्रभु के साथ कैसे चलू?
स्मरण करो, जो पतरस ने कहा, "मुझे पानी के ऊपर अपने पास आने की आज्ञा दीजिए" दूसरे शब्दों में, पतरस ने कहा, "प्रभु वचन कह ताकि मैं पानी के ऊपर चलते आप के पास आऊI" पतरस अनुभव से जानता थाअगर यीशु ने कुछ कहा, तोवह होके ही रहेगाI
तो उसने (प्रभु यीशु)कहा, "आओI" तब पतरस नाव से उतर कर पानी चलने लगा और यीशु की ओर बढ़ाI" (मत्ती १४:२९)
पानी पर चलना यह कठिन सुझाव के समान नजर आता हैं परंतु प्रत्यक्ष में वचन पर चलना यह पानी पर चलने के समान ही हैंI तो अब मैं आपको सचमुच पानी पर चलने को नहीं कह रहा हूं परंतु आपको और मुझे परमेश्वर के साथ चलने के लिए हमारे जीवन ये परमेश्वर के वचन के आधार पर आधारित करने चाहिएI
अगर हम हमारे चुनाव, फैसले और इच्छाएं परमेश्वर के वचन के सिद्धांतो पर आधारित करते हैं हम कभी भी डूबेंगे नहींI इसके बजाय हम परमेश्वर के साथ नजर आयेंगे और इतिहास रचेंगेI
विश्वास यह अंधरे में छलांग लगाना नहीं हैं परंतु परमेश्वर के वचन में छलांग लगाना हैंI आपको और मुझे कामयाबी हासिल करनेवालों के अनूठे समूह के साथ एक होने के लिए हमें हमारे संपूर्ण जीवन को परमेश्वर के वचन पर आधारित करने की आवश्यकता हैंI
दाऊद उसके जीवन को परमेश्वरके वचन के आधार पर जीने को समझ गयाI यह एक रहस्य था जिसने उसे परमेश्वर के साथ निकटता में चलने लगायाI केवल इतना ही नहीं पर इस बात ने उसे इस्राएल का राजा भी बनायाI
तेरा वचन मेरे पैर के लिए दीपक, और मेरे पथ की ज्योति हैंI तेरे धर्ममय न्याय-सिद्धांतो के पालन हेतु मैंने शपथ खाकर संकल्प किया हैंI मैं अत्यंत पीड़ित हूं, हे प्रभु, अपने वचन के अनुसार मुझे पुनर्जीवित करI प्रभु, मैं बिनती करता हूं, मेरे मुंह की वंदना-बलि ग्रहण कर, और मुझे अपने न्याय-सिद्धांत सिखाI मेरा प्राण निरंतर हथेली पर रहता हैं, फिर भी मैं तेरी व्यवस्था नहीं भूलता हूंI (भजन संहिता ११९: १०५-१०९)
जब दाऊद ने अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णयोंका सामना किया उसने उसके निर्णय करने की प्रक्रिया पर परमेश्वर के वचन को प्रभावित करने दियाIवहां पर कुछ समय था जब वह परमेश्वर के वचन के साथ समझौता कर सकता था और तुरंत सुझाव प्राप्त कर सकता था परंतु फिर भी वह परमेश्वर के वचन पर दृढ़ रहाIतो इसमे कोई अचरजनहीं की परमेश्वर ने दाऊद को उसके मन के अनुकूल व्यक्ति कहा हैंI (प्रेरित १३:२२)
प्रार्थना
पिता, मुझे मेरा जीवन तेरे वचन पर आधारित करने के लिए सहायता देI जब मैं बाइबिल पढ़ता हु मुझसे बाते करI जो और आवाजे मुझे व्यत्यय करते हैं उन्हें निकाल देI यीशु के नाम मेंI आमीनI
Join our WhatsApp Channel
Most Read
● सात गुना आशीष● जब आप एक युद्ध में हैं: अंतर्दृष्टि (निरिक्षण)
● स्वप्न देखने की हिम्मत
● अनुग्रह दिखाने के क्रियात्मक तरीके
● मित्र अनुरोध: प्रार्थनापूर्वक से चुनें
● अंतिम (परम) रहस्य
● क्षमा न करना
टिप्पणियाँ