डेली मन्ना
दिन ३६: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Monday, 15th of January 2024
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Categories :
उपवास और प्रार्थना
रात की लड़ाइयों (युद्ध) पर विजय पाना
" पर जब लोग सो रहे थे तो उसका बैरी आकर गेहूं के बीच जंगली बीज बोकर चला गया। इस पर गृहस्थ के दासों ने आकर उस से कहा, हे स्वामी, क्या तू ने अपने खेत में अच्छा बीज न बोया था फिर जंगली दाने के पौधे उस में कहां से आए? उस ने उन से कहा, यह किसी बैरी का काम है। दासों ने उस से कहा क्या तेरी इच्छा है, कि हम जाकर उन को बटोर लें?।" (मत्ती १३:२५,२७२८)
रात में जब लोग सो रहे होते हैं तो बैरी बहुत सी हरकतें कर रहा है। परमेश्वर चाहता है कि हम सतर्क रहें और रात की लड़ाई लड़ें।
आधी रात में आपकी सुरक्षा इस बात पर आधारित है कि आपने अपनी आत्मा पर क्या बोझ डाला है। अगर आपकी आत्मा कमजोर और हल्की है तो बैरी के लिए हमला करना आसान होगा।
स्वप्न शक्तिशाली होते हैं, जो बताते हैं कि क्या हो रहा है, क्या हुआ है, या क्या होने वाला है। बैरी रात को इस ताक में घूमता रहता है कि किसे निगल जाए। आज हम जो पवित्रशास्त्र में पढ़ते हैं, उससे पता चलता है कि लोग अच्छे बीज बो सकते हैं, लेकिन रात की कार्यों के कारण कुछ और भी उग सकता है।
आज, हम प्रार्थना करने, नष्ट करने और रात की हर शक्ति पर विजय पाने जा रहे हैं। रात में लड़ाइयाँ होती हैं, इसलिए एक विश्वासी के रूप में, आपको या तो सोने से पहले निरंतर प्रार्थना करनी चाहिए या आधी रात में उठकर निरंतर प्रार्थना करनी चाहिए। यदि आपको इस क्षेत्र में अनुग्रह की कमी है, तो आप जरुर सामर्थ या बल के लिए परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं।
निर्गमन ११:४ कहता है, "...यहोवा इस प्रकार कहता है, कि आधी रात के लगभग मैं मिस्र देश के बीच में हो कर चलूंगा।"
परमेश्वर भी आधी रात को कार्य करते हैं। उन्होंने आधी रात को मिस्र देश का न्याय किया।
आधी रात को, शत्रु स्वप्न के माध्यम से हत्या कर सकता है, या लोगों के शरीर में बीमारी पैदा कर सकता है।
आधी रात के दौरे यौन करने या खाने के स्वप्न के माध्यम से प्रकट हो सकते हैं, जो आत्मिक हमलों के संकेत हैं। मैं आपका ध्यान युद्ध और मुक्ति की ओर आकर्षित कर रहा हूं ताकि आप प्रार्थना कर सकें और अपने जीवन, परिवार और बच्चों के खिलाफ दुष्ट की कार्यों को नष्ट कर सकें।
भजन संहिता११९:६२, "तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूंगा।"
भजनगार ने आधी रात की सामर्थ को समझा। आप आधी रात को उठकर परमेश्वर को धन्यवाद दे सकते हैं, आराधना कर सकते हैं और स्तुति कर सकते हैं। प्रेरितों के काम १६:२५-२६ हमें बताता है कि पौलुस और सिलास ने आधी रात को प्रार्थना की और परमेश्वर की स्तुति गाई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें बंदीगृह से छुटकारा मिली।
यदि आप आधी रात को प्रार्थना नहीं कर रहे हैं, तो मैं आपको आरंभ करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। यह ३० मिनट या १५ मिनट के लिए हो सकता है; यह आपकी क्षमता पर निर्भर करता है।
" पर जब लोग सो रहे थे तो उसका बैरी आकर गेहूं के बीच जंगली बीज बोकर चला गया। इस पर गृहस्थ के दासों ने आकर उस से कहा, हे स्वामी, क्या तू ने अपने खेत में अच्छा बीज न बोया था फिर जंगली दाने के पौधे उस में कहां से आए? उस ने उन से कहा, यह किसी बैरी का काम है। दासों ने उस से कहा क्या तेरी इच्छा है, कि हम जाकर उन को बटोर लें?।" (मत्ती १३:२५,२७२८)
रात में जब लोग सो रहे होते हैं तो बैरी बहुत सी हरकतें कर रहा है। परमेश्वर चाहता है कि हम सतर्क रहें और रात की लड़ाई लड़ें।
आधी रात में आपकी सुरक्षा इस बात पर आधारित है कि आपने अपनी आत्मा पर क्या बोझ डाला है। अगर आपकी आत्मा कमजोर और हल्की है तो बैरी के लिए हमला करना आसान होगा।
स्वप्न शक्तिशाली होते हैं, जो बताते हैं कि क्या हो रहा है, क्या हुआ है, या क्या होने वाला है। बैरी रात को इस ताक में घूमता रहता है कि किसे निगल जाए। आज हम जो पवित्रशास्त्र में पढ़ते हैं, उससे पता चलता है कि लोग अच्छे बीज बो सकते हैं, लेकिन रात की कार्यों के कारण कुछ और भी उग सकता है।
आज, हम प्रार्थना करने, नष्ट करने और रात की हर शक्ति पर विजय पाने जा रहे हैं। रात में लड़ाइयाँ होती हैं, इसलिए एक विश्वासी के रूप में, आपको या तो सोने से पहले निरंतर प्रार्थना करनी चाहिए या आधी रात में उठकर निरंतर प्रार्थना करनी चाहिए। यदि आपको इस क्षेत्र में अनुग्रह की कमी है, तो आप जरुर सामर्थ या बल के लिए परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं।
निर्गमन ११:४ कहता है, "...यहोवा इस प्रकार कहता है, कि आधी रात के लगभग मैं मिस्र देश के बीच में हो कर चलूंगा।"
परमेश्वर भी आधी रात को कार्य करते हैं। उन्होंने आधी रात को मिस्र देश का न्याय किया।
आधी रात को, शत्रु स्वप्न के माध्यम से हत्या कर सकता है, या लोगों के शरीर में बीमारी पैदा कर सकता है।
आधी रात के दौरे यौन करने या खाने के स्वप्न के माध्यम से प्रकट हो सकते हैं, जो आत्मिक हमलों के संकेत हैं। मैं आपका ध्यान युद्ध और मुक्ति की ओर आकर्षित कर रहा हूं ताकि आप प्रार्थना कर सकें और अपने जीवन, परिवार और बच्चों के खिलाफ दुष्ट की कार्यों को नष्ट कर सकें।
भजन संहिता११९:६२, "तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूंगा।"
भजनगार ने आधी रात की सामर्थ को समझा। आप आधी रात को उठकर परमेश्वर को धन्यवाद दे सकते हैं, आराधना कर सकते हैं और स्तुति कर सकते हैं। प्रेरितों के काम १६:२५-२६ हमें बताता है कि पौलुस और सिलास ने आधी रात को प्रार्थना की और परमेश्वर की स्तुति गाई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें बंदीगृह से छुटकारा मिली।
यदि आप आधी रात को प्रार्थना नहीं कर रहे हैं, तो मैं आपको आरंभ करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। यह ३० मिनट या १५ मिनट के लिए हो सकता है; यह आपकी क्षमता पर निर्भर करता है।
प्रार्थना
हर एक प्रार्थना अस्त्र को तब तक दोहराएं जब तक कि यह आपके हृदय से गूंज न जाए। उसके बाद ही आपको अगले अस्त्र पर आगे बढ़ना चाहिए। प्रार्थना मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से करें, और आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित करें कि यह वास्तव में पूर्णहृदय से है, हर एक प्रार्थन मुद्दे के लिए कम से कम एक मिनट समर्पित करें।
१. मैं आधी रात को मेरे खिलाफ रिहा किए गए हर तीर को यीशु के नाम में नष्ट कर देता हूं। (भजन संहिता ९१:५)
२. मेरी महिमा पर हमला करने वाली आधी रात की हर शक्ति को यीशु के नाम में नष्ट कर दिया जाए। (निर्गमन १२:२९)
३. मैं उस दुष्ट की मुझे मार डालने की युक्ति को विफल करता हूं; मैं यीशु के नाम में नहीं मरूंगा। (भजन संहिता ११८:१७)
४. मेरे शरीर में बीमारी का हर पौधा, यीशु के नाम में अग्नि से नष्ट हो जाए। (१ कुरिन्थियों ३:१६-१७)
५. स्वप्न के माध्यम से मेरे शरीर में आने वाली हर बीमारी को यीशु के नाम में अग्नि से नष्ट कर दिया जाए। (यिर्मयाह १७:१४)
६. परमेश्वर की सामर्थ, मुझे, मेरे जीवन को, मेरे जीवनसाथी और मेरे बच्चों को लक्षित करने वाली रात की हर शक्ति से यीशु के नाम में मुक्ति दिला। (२ तीमुथियुस ४:१८)
७. जो भी पौधारोपण मेरे स्वर्गीय पिता द्वारा नहीं लगाया गया है, उसे यीशु के नाम में उखाड़ दिया जाए और नष्ट कर दिया जाए। (मत्ती १५:१३)
८. हे प्रभु, मुझे आधी रात को उठकर यीशु के नाम में आपकी स्तुति और आराधना करने की कृपा प्रदान कर। (प्रेरितों के काम १६:२५)
९. जब मैं सो रहा होता हूं तो मैं अपने आत्मिक पुरुष को निशाना बनाने वाली हर शैतानी शक्ति पर यीशु के नाम में विजय पाता हूं। (लूका १०:१९)
१०. परमेश्वर की अग्नि, मेरी आत्मा, प्राण और शरीर में से होकर गुजर; मुझे रात में प्रार्थना करने के लिए सशक्त बना, जब मैं सोऊं तो मेरी रक्षा कर, और मेरे परिवार और प्रियजनों की यीशु के नाम में रक्षा कर। (१ थिस्सलुनिकियों ५:२३)
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