डेली मन्ना
दिन ३८: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Wednesday, 17th of January 2024
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उपवास और प्रार्थना
बीमारी और दुर्बलताओं के विरुद्ध प्रार्थना
"यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें। और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उस को उठा कर खड़ा करेगा; और यदि उस ने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी।" (याकूब ५:१४-१५)
बीमारी और दुर्बलताएं अच्छी चीजें नहीं हैं जिन्हें कोई भी अपने जीवन में रखना चाहता है। दुर्भाग्य से, ये ऐसी चीज़ें हैं जो लोगों के साथ घटित होती हैं। अविश्वासी के लिए कोई आशा नहीं है। क्यों? एकमात्र चीज जो व्यक्ति कर सकता है वह है विकल्प और चंगाई की खोज में दर-दर से भटकना। लेकिन विश्वासी के लिए आशा है। क्योंकि मसीह में आपकी वाचा के अधिकार के अनुसार, आप बीमार होने के लिए नहीं बने हैं। लेकिन परिस्थितियों के आधार पर, जब शैतान आप पर बीमारी से हमला करने के लिए बाढ़ की तरह आता है, तो आपके पास विरोध करने और वापस लड़ने के लिए परमेश्वर का वचन है। आपके पास उसका सामना करने का वाचा का अधिकार है (याकूब ४:७)। क्योंकि बीमारी और रोग आपके लिए परमेश्वर की इच्छा नहीं हैं, आपको उन्हें अस्वीकार करना चाहिए, उनका विरोध करना चाहिए और उन्हें अपने शरीर में नष्ट करना चाहिए।
बीमारियां और रोग शर्मिंदगी लाती हैं। लहू की समस्या से पीड़ित स्त्री भी इस प्रकार की दुर्बलता से पीड़ित थी और लज्जित थी। उसका सिर झुका हुआ था (लूका ८:४३-४४)। लहू के मुद्दे के कारण सार्वजनिक रूप से उसे स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति नहीं थी।
बीमारी और दुर्बलताएं लोगों की विधान को सीमित कर सकती हैं। किसी दीर्घकालिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को शोषण करते हुए देखना कठिन है। क्योंकि बीमारी व्यक्ति को धराशायी कर देगी। इसलिए, शैतान लोगों को पीड़ित करने के लिए उनकी विधान को सीमित करने के लिए बीमारि और इन दुर्बलताओं का उपयोग करता है, और कभी-कभी वह विधान को समय से पहले समाप्त करने के लिए इसका उपयोग करता है।
मैं चाहता हूं कि आप अपनी आत्मा में क्रोध से रहे। आज एक ऐसा दिन है जब हम आपके शरीर के किसी भी हिस्से में छिपी हर बीमारी और दुर्बलता को नष्ट कर देंगे। कभी-कभी, लोगों को यह नहीं पता होता है कि उनके शरीर के भीतर, शैतान ने बीमारी या दुर्बलताएँ कार्य कर रखी हैं। ये चीज़ें, सबसे पहले, आत्मिक रूप से की जाती हैं। इसीलिए कोई स्वप्न देख सकता है, और वह स्वप्न शायद एक वर्ष या दो वर्ष बाद प्रकट होता है। वो बातें थीं, सबसे पहले, इसे आत्मिक क्षेत्र में कार्य किया गया है लेकिन भौतिक क्षेत्र में प्रकट होने में कुछ समय लगा।
तो, आपके शरीर में जो कुछ भी रखा गया है, उसे नष्ट करने का यह सबसे अच्छा समय है जब आप अभी भी स्वस्थ हैं। तब तक प्रतीक्षा न करें जब तक कि बीमारी आकर आपके शरीर पर भौतिक क्षेत्र में आक्रमण न कर दे।
"कि परमेश्वर ने किस रीति से यीशु नासरी को पवित्र आत्मा और सामर्थ से अभिषेक किया: वह भलाई करता, और सब को जो शैतान के सताए हुए थे, अच्छा करता फिरा; क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।" प्रेरितों के काम १०:३८
शैतान बीमारि और दुर्बलताओं के माध्यम से लोगों पर अत्याचार करता है। इस प्रयोजन के लिए, परमेश्वर का पुत्र प्रकट हुआ ताकि वह शैतान के कार्यों को नष्ट कर सके (१ यूहन्ना ३:८)। शैतान के कार्य क्या हैं? बीमारी और दुर्बलता इसका हिस्सा हैं। यीशु उन सभी को चंगा कर रहे थे जो उत्पीड़ित थे।
"और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बल्ता को दूर करता रहा। और सारे सूरिया में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारों को, जो नाना प्रकार की बीमारियों और दुखों में जकड़े हुए थे, और जिन में दुष्टात्माएं थीं और मिर्गी वालों और झोले के मारे हुओं को उसके पास लाए और उस ने उन्हें चंगा किया।मत्ती ४:२३-२४
लोगों को बहुत कुछ सहना पड़ रहा है। कई लोगों के स्वास्थ्य पर हमला हो रहा है।बहुत से लोग अनेक आत्मिक आक्रमणों से गुज़र रहे हैं। यीशु के समय में, वह उन सभी को चंगा कर रहा था। यदि डॉक्टर उन लोगों को ठीक कर सकते थे जो यीशु के पास आए थे, तो मुझे पूरा यकीन है कि वे उन्हें अस्पताल ले गए होंगे, लेकिन वे मामले चिकित्सकीय व्याख्या से परे थे।
शत्रु गर्जनेवाले सिंह के समान इस खोज में रहता है कि किसको फाड़ खाए। इसलिए जब थोड़ा सा खुलापन होता है, तो वह बीमारी और रोग से हमला कर सकता है। इसीलिए मैं चाहता हूं कि हम आज उन सभी घटनाओं को बंद करने के लिए प्रार्थना करें।
बीमारी और दुर्बलता के कारण क्या हैं?
१. पाप: जब यीशु ने उस मनुष्य को चंगा किया, तो उस से कहा, जा और फिर पाप न करना, नहीं तो इससे भी भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़ेगा। (यूहन्ना ५:१४-१५) पाप लोगों के जीवन में दुष्ट, पिशाच और बीमारियों को आकर्षित करता है।
२. गलत अंगीकार: जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, इसलिए जब आप गलत बात कह रहे हैं, तो आप गलत आत्मा को अपने जीवन में आकर्षित कर रहे हैं। यह बाद में बीमारी और दुर्बलताओं का कारण बन सकता है। नीतिवचन १८:२१
३. आत्मिक हमले: ऐसे जादू टोने के हमले भी होते हैं जो बीमारी और दुर्बलताओं का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए हमें उन्हें नष्ट करने के लिए प्रार्थना करने की जरुरत है।
४. यौन (लैंगिक) अनैतिकता: कई लोग ऐसे होते हैं जो अलग-अलग लोगों के आसपास सोते हैं या उनके साथ यौन संबंध बनाते हैं। वे खुद के साथ जो कर रहे हैं वह यह है कि वे खुद को विभिन्न प्रकार की आत्माओं और विभिन्न प्रकार के हमलों के लिए खोल रहे हैं। अब यह भले ही मीठा हो, लेकिन उस कृत्य के भीतर दर्द भी है। जब आदम और हव्वा ने बगीचे में फल खाया तो वह कड़वा नहीं था। उन्होंने यह शिकायत नहीं की कि यह एक कड़वा फल है। यह मुंह को तो मीठा लगा, लेकिन इससे अनंतकाल तक निंदा हुई।
"यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें। और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उस को उठा कर खड़ा करेगा; और यदि उस ने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी।" (याकूब ५:१४-१५)
बीमारी और दुर्बलताएं अच्छी चीजें नहीं हैं जिन्हें कोई भी अपने जीवन में रखना चाहता है। दुर्भाग्य से, ये ऐसी चीज़ें हैं जो लोगों के साथ घटित होती हैं। अविश्वासी के लिए कोई आशा नहीं है। क्यों? एकमात्र चीज जो व्यक्ति कर सकता है वह है विकल्प और चंगाई की खोज में दर-दर से भटकना। लेकिन विश्वासी के लिए आशा है। क्योंकि मसीह में आपकी वाचा के अधिकार के अनुसार, आप बीमार होने के लिए नहीं बने हैं। लेकिन परिस्थितियों के आधार पर, जब शैतान आप पर बीमारी से हमला करने के लिए बाढ़ की तरह आता है, तो आपके पास विरोध करने और वापस लड़ने के लिए परमेश्वर का वचन है। आपके पास उसका सामना करने का वाचा का अधिकार है (याकूब ४:७)। क्योंकि बीमारी और रोग आपके लिए परमेश्वर की इच्छा नहीं हैं, आपको उन्हें अस्वीकार करना चाहिए, उनका विरोध करना चाहिए और उन्हें अपने शरीर में नष्ट करना चाहिए।
बीमारियां और रोग शर्मिंदगी लाती हैं। लहू की समस्या से पीड़ित स्त्री भी इस प्रकार की दुर्बलता से पीड़ित थी और लज्जित थी। उसका सिर झुका हुआ था (लूका ८:४३-४४)। लहू के मुद्दे के कारण सार्वजनिक रूप से उसे स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति नहीं थी।
बीमारी और दुर्बलताएं लोगों की विधान को सीमित कर सकती हैं। किसी दीर्घकालिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को शोषण करते हुए देखना कठिन है। क्योंकि बीमारी व्यक्ति को धराशायी कर देगी। इसलिए, शैतान लोगों को पीड़ित करने के लिए उनकी विधान को सीमित करने के लिए बीमारि और इन दुर्बलताओं का उपयोग करता है, और कभी-कभी वह विधान को समय से पहले समाप्त करने के लिए इसका उपयोग करता है।
मैं चाहता हूं कि आप अपनी आत्मा में क्रोध से रहे। आज एक ऐसा दिन है जब हम आपके शरीर के किसी भी हिस्से में छिपी हर बीमारी और दुर्बलता को नष्ट कर देंगे। कभी-कभी, लोगों को यह नहीं पता होता है कि उनके शरीर के भीतर, शैतान ने बीमारी या दुर्बलताएँ कार्य कर रखी हैं। ये चीज़ें, सबसे पहले, आत्मिक रूप से की जाती हैं। इसीलिए कोई स्वप्न देख सकता है, और वह स्वप्न शायद एक वर्ष या दो वर्ष बाद प्रकट होता है। वो बातें थीं, सबसे पहले, इसे आत्मिक क्षेत्र में कार्य किया गया है लेकिन भौतिक क्षेत्र में प्रकट होने में कुछ समय लगा।
तो, आपके शरीर में जो कुछ भी रखा गया है, उसे नष्ट करने का यह सबसे अच्छा समय है जब आप अभी भी स्वस्थ हैं। तब तक प्रतीक्षा न करें जब तक कि बीमारी आकर आपके शरीर पर भौतिक क्षेत्र में आक्रमण न कर दे।
"कि परमेश्वर ने किस रीति से यीशु नासरी को पवित्र आत्मा और सामर्थ से अभिषेक किया: वह भलाई करता, और सब को जो शैतान के सताए हुए थे, अच्छा करता फिरा; क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।" प्रेरितों के काम १०:३८
शैतान बीमारि और दुर्बलताओं के माध्यम से लोगों पर अत्याचार करता है। इस प्रयोजन के लिए, परमेश्वर का पुत्र प्रकट हुआ ताकि वह शैतान के कार्यों को नष्ट कर सके (१ यूहन्ना ३:८)। शैतान के कार्य क्या हैं? बीमारी और दुर्बलता इसका हिस्सा हैं। यीशु उन सभी को चंगा कर रहे थे जो उत्पीड़ित थे।
"और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बल्ता को दूर करता रहा। और सारे सूरिया में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारों को, जो नाना प्रकार की बीमारियों और दुखों में जकड़े हुए थे, और जिन में दुष्टात्माएं थीं और मिर्गी वालों और झोले के मारे हुओं को उसके पास लाए और उस ने उन्हें चंगा किया।मत्ती ४:२३-२४
लोगों को बहुत कुछ सहना पड़ रहा है। कई लोगों के स्वास्थ्य पर हमला हो रहा है।बहुत से लोग अनेक आत्मिक आक्रमणों से गुज़र रहे हैं। यीशु के समय में, वह उन सभी को चंगा कर रहा था। यदि डॉक्टर उन लोगों को ठीक कर सकते थे जो यीशु के पास आए थे, तो मुझे पूरा यकीन है कि वे उन्हें अस्पताल ले गए होंगे, लेकिन वे मामले चिकित्सकीय व्याख्या से परे थे।
शत्रु गर्जनेवाले सिंह के समान इस खोज में रहता है कि किसको फाड़ खाए। इसलिए जब थोड़ा सा खुलापन होता है, तो वह बीमारी और रोग से हमला कर सकता है। इसीलिए मैं चाहता हूं कि हम आज उन सभी घटनाओं को बंद करने के लिए प्रार्थना करें।
बीमारी और दुर्बलता के कारण क्या हैं?
१. पाप: जब यीशु ने उस मनुष्य को चंगा किया, तो उस से कहा, जा और फिर पाप न करना, नहीं तो इससे भी भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़ेगा। (यूहन्ना ५:१४-१५) पाप लोगों के जीवन में दुष्ट, पिशाच और बीमारियों को आकर्षित करता है।
२. गलत अंगीकार: जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, इसलिए जब आप गलत बात कह रहे हैं, तो आप गलत आत्मा को अपने जीवन में आकर्षित कर रहे हैं। यह बाद में बीमारी और दुर्बलताओं का कारण बन सकता है। नीतिवचन १८:२१
३. आत्मिक हमले: ऐसे जादू टोने के हमले भी होते हैं जो बीमारी और दुर्बलताओं का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए हमें उन्हें नष्ट करने के लिए प्रार्थना करने की जरुरत है।
४. यौन (लैंगिक) अनैतिकता: कई लोग ऐसे होते हैं जो अलग-अलग लोगों के आसपास सोते हैं या उनके साथ यौन संबंध बनाते हैं। वे खुद के साथ जो कर रहे हैं वह यह है कि वे खुद को विभिन्न प्रकार की आत्माओं और विभिन्न प्रकार के हमलों के लिए खोल रहे हैं। अब यह भले ही मीठा हो, लेकिन उस कृत्य के भीतर दर्द भी है। जब आदम और हव्वा ने बगीचे में फल खाया तो वह कड़वा नहीं था। उन्होंने यह शिकायत नहीं की कि यह एक कड़वा फल है। यह मुंह को तो मीठा लगा, लेकिन इससे अनंतकाल तक निंदा हुई।
प्रार्थना
हर एक प्रार्थना अस्त्र को तब तक दोहराएं जब तक कि यह आपके हृदय से गूंज न जाए। उसके बाद ही आपको अगले अस्त्र पर आगे बढ़ना चाहिए। प्रार्थना मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से करें, और आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित करें कि यह वास्तव में पूर्णहृदय से है, हर एक प्रार्थन मुद्दे के लिए कम से कम एक मिनट समर्पित करें।
१. यीशु के नाम में, मैं अपने जीवन से बीमारी और दुर्बलता की हर आत्मा को उखाड़ के फेंकता हूं। (यशायाह ५३:५)
२. यीशु का लहू, मेरे शरीर से मेरे लहू में मौजूद किसी भी प्रदूषण और गंदगी को यीशु मसीह के नाम में बाहर निकाल। (१ यूहन्ना १:७)
३. परमेश्वर की अग्नि मेरे जीवन से होकर गुजरेगी और मेरे जीवन में अंधकार के हर भंडार को यीशु के नाम में नष्ट कर देगी। (इफिसियों ५:११)
४. यीशु के नाम में, मैं मरूंगा नहीं बल्कि जीवित भूमि में परमेश्वर की महिमा का प्रकट करने के लिए जीवित रहूंगा। (भजन संहिता ११८:१७)
५. प्रकट होने की प्रतीक्षा में मेरे जीवन के विरुद्ध कार्य की गई ये दुर्बलता की आत्मा, यीशु के नाम में नष्ट हो जाएगी। (लूका १३:११-१३)
६. मैं यीशु के नाम में नहीं मरूंगा। (व्यवस्थाविवरण ३०:१९)
७. हे प्रभु, यीशु के नाम में मुझे बीमारों को चंगा करने और पृथ्वी पर आपके राज्य का विस्तार करने की सामर्थ दें। (मरकुस १६:१७-१८)
८. हे प्रभु, यीशु के नाम में मेरी आत्मा को सशक्त कर। (इफिसियों ३:१६)
९. मेरे जीवन में बीमारी का कोई भी तीर चला हो, यीशु के नाम में अपने प्रेषकों के पास वापस चले जा। (भजन संहिता ३५:८)
१०. पिता, यीशु के नाम में आपके लहू को मेरे जीवन की चारो ओर ढाल बनने दें। (भजन संहिता ९१:४)
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