क्या आपने कभी कुछ गलत किया है और फिर उसे छिपाने के लिए अपनी शक्ति से सब कुछ किया है?
आदम और हव्वा ने किया। हव्वा ने सर्प के धोखे से राजी हुई और अच्छे और बुरे के ज्ञान के वृक्ष के फल को खाया। उत्पत्ति ३:६ कहता है कि उसने अपने पति आदम को तोड़ा दिया, जो उसके साथ था, और उसने भी खाया।
तब वह व्यक्ति (आदम) और उसकी पत्नी ने यहोवा परमेश्वर को वाटिका में फिरते हुए उनके शब्द को सुना। इसलिए वे पेड़ों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए। (उत्पत्ति ३:८)
यहोवा परमेश्वर की उपस्थिति से छिपाने का कोई मार्ग नहीं है, फिर भी उन्होंने कोशिश की। "और सृष्टि की कोई वस्तु उस से छिपी नहीं है वरन जिस से हमें हिसाब देना है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरदा हैं॥" (इब्रानियों ४:१३)
दाऊद ने भी व्यभिचार और हत्या के अपने पाप को छिपाने की पूरी कोशिश की। (२ शमूएल ११ पढ़ें)
मनुष्य जानता है कि "जिसने कान दिया, क्या वह नहीं सुनेगा? जिसने आंखे बनाई, क्या वह नहीं देखेगा?" (भजन संहिता ९४:९) फिर भी मनुष्य अभी भी छिपने की कोशिश करता है।
शब्द "पाप" यूनानी और हिब्रू शब्दों से उत्पन्न हुआ है जो "निशाने से छूट गया" के कार्य का वर्णन करता है। वास्तव में, हम में से हर एक ने किसी न किसी पर निशाने से छूट गए है।
हमें अपने पाप को छिपाने या इसे सही ठहराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि यीशु ने हमारे लिए दंड का कीमत चुकाया है, जिससे हमें अवांछनीय क्षमा मिली है।बस उन्हें सब कुछ बताएं और परमेश्वर की शांति आपको मिलेगी। प्रभु के साथ आपकी संगति पुनःस्थापित होगी। याद रखें, यदि हम ज्योति में चलते हैं तो वह ज्योति में है, यीशु मसीह का लहू हमें शुद्ध करने के लिए उपलब्ध है।
इसलिए, यदि हमने किसी के साथ अन्याय किया है, तो हमें उनके पास जाना है और क्षमा मांगना है। (मैं समझता हूं कि कुछ मामलों में यह संभव नहीं हो सकता है)। यह हमारा प्रेम है, और यह है कि कैसे हम अपनी संगति को प्रवाहमय और शांतिपूर्ण से बनाए रखते है।
जैसे ईंटों के बीच मजबूत सीमेंट एक इमारत की ताकत निर्धारित करता है, वैसे ही मसीहियों के बीच मजबूत संगति भी हर स्थानीय कलीसिया की ताकत निर्धारित करता है। इसे स्थगित न करें।
प्रार्थना
१. जैसा कि आप में से अधिकांश लोग जानते होंगे, हम २०२३ के लिए हर सप्ताह (मंगल/गुरु/शनि) उपवास कर रहे हैं। इस उपवास के पांच मुख्य लक्ष्य हैं।
२. हर प्रार्थना मुद्दे को कम से कम ३ मिनट तक और अधिक प्रार्थना की जानी चाहिए।
३. इसके अलावा, इन प्रार्थना मुद्दों का उपयोग करें जिन दिनों आप उपवास नहीं कर रहे हैं।
व्यक्तिगत आत्मिक विकास
परिवार का उद्धार
धन्य पवित्र आत्मा, मुझे विशेष रूप से दिखाएं कि मैं अपने परिवार के हर सदस्य की कैसे सेवकाई करूं। हे प्रभु मुझे सामर्थ बना। सही समय पर, आपके बारे में साझा करने के अवसरों को प्रकट कर। यीशु के नाम में। आमीन।
आर्थिक आश्चार्यक्रम
मेरे द्वारा बोया गया हर बीज यहोवा द्वारा स्मरण किया जाएगा। इसलिए, मेरे जीवन की हर असंभव स्थिति परमेश्वर द्वारा बदल जायेगा। यीशु के नाम में।
केएसएम कलिसीया
पिता, यीशु के नाम में, मैं प्रार्थना करता हूं कि केएसएम लाइव प्रसारण जो हर मंगलवार / गुरुवार और शनिवार को होता है वह हजारों लोग शामिल हो जाए। उन्हें और उनके परिवारों को परमेश्वर आपकी ओर मोड़ने (फिरने) दें। उन्हें अपके चमत्कारों का अनुभव हो। उन्हें गवाही देने का कारण बना ताकि आपका नाम ऊंचा और महिमा हो।
देश
पिता, यीशु के नाम में, मैं प्रार्थना करता हूं कि भारत के हर शहर और राज्य के लोगों का मन आपकी ओर मोड़ने दें। ताकि वे अपने पापों से पश्चाताप करे और यीशु को अपने प्रभु और उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करे।
२. हर प्रार्थना मुद्दे को कम से कम ३ मिनट तक और अधिक प्रार्थना की जानी चाहिए।
३. इसके अलावा, इन प्रार्थना मुद्दों का उपयोग करें जिन दिनों आप उपवास नहीं कर रहे हैं।
व्यक्तिगत आत्मिक विकास
पिता, मुझे न्यायपूर्ण कार्य करने, दया से प्रेम करने और आपके सामने विनम्रता से चलने का अनुग्रह दें। यीशु के नाम में। आमेन।
परिवार का उद्धार
धन्य पवित्र आत्मा, मुझे विशेष रूप से दिखाएं कि मैं अपने परिवार के हर सदस्य की कैसे सेवकाई करूं। हे प्रभु मुझे सामर्थ बना। सही समय पर, आपके बारे में साझा करने के अवसरों को प्रकट कर। यीशु के नाम में। आमीन।
आर्थिक आश्चार्यक्रम
मेरे द्वारा बोया गया हर बीज यहोवा द्वारा स्मरण किया जाएगा। इसलिए, मेरे जीवन की हर असंभव स्थिति परमेश्वर द्वारा बदल जायेगा। यीशु के नाम में।
केएसएम कलिसीया
पिता, यीशु के नाम में, मैं प्रार्थना करता हूं कि केएसएम लाइव प्रसारण जो हर मंगलवार / गुरुवार और शनिवार को होता है वह हजारों लोग शामिल हो जाए। उन्हें और उनके परिवारों को परमेश्वर आपकी ओर मोड़ने (फिरने) दें। उन्हें अपके चमत्कारों का अनुभव हो। उन्हें गवाही देने का कारण बना ताकि आपका नाम ऊंचा और महिमा हो।
देश
पिता, यीशु के नाम में, मैं प्रार्थना करता हूं कि भारत के हर शहर और राज्य के लोगों का मन आपकी ओर मोड़ने दें। ताकि वे अपने पापों से पश्चाताप करे और यीशु को अपने प्रभु और उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करे।
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