डेली मन्ना
परिस्थितियों के दया पर कभी नहीं
Wednesday, 14th of February 2024
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प्रार्थना
और याबेस अपने भाइयों से अधिक प्रतिष्ठित हुआ, और उसकी माता ने यह कहकर उसका नाम याबेस रखा, कि मैं ने इसे पीड़ित हो कर उत्पन्न किया। (१ इतिहास ४:९)
याबेस के लिए बढ़ना एक आसान काम नहीं रहा होगा। उनके कई भाई थे और कैसे उन्होंने उनके नाम के कारण बार-बार उनका मजाक उड़ाया होगा।
मेरा विश्वास है कि याबेस याकूब से प्रेरित था। उनके माता-पिता ने भी याकूब का नाम 'धोखेबाज' रखा था। अपने पूरे जीवन उन्होंने उस कलंक को उठाया। लेकिन एक दिन, जब याकूब ने पूरी रात प्रार्थना में परमेश्वर के साथ कुश्ती की, तो उनके जीवन में एक बदलाव आया। स्वयं यहोवा ने उसका नाम याकूब से बदलकर इस्राएल रखा जिसका अर्थ था परमेश्वर से युद्ध करके प्रबल हुआ। उस दिन से याकूब का जीवन कभी भी एक जैसा नहीं था। (उत्पत्ति ३२)
याबेस को शायद इस बात का प्रकटीकरण था कि यदि परमेश्वर याकूब के लिए कर सकता है तो परमेश्वर उसके लिए भी कर सकता है। परमेश्वर किसी का पक्षपात करनेवाला परमेश्वर नहीं है। (अय्यूब ३४:१९) आपको और मुझे भी इस सच्चाई को अपनी आत्माओं में गहराई तक समीकरण करने की ज़रूरत है।
एक दिन याबेस ने फैसला किया कि अब बहुत हो गया है। उनके लिए एक बात स्पष्ट थी, कि अगर वह कभी अपने जीवन में बदलाव देखने वाला है, तो वो केवल परमेश्वर ही उस बदलाव को कर सकता हैं।
और (इसलिए) याबेस ने इस्राएल के परमेश्वर को यह कहकर पुकारा। (१ इतिहास ४:१०)
- प्रभु को पुकारना प्रार्थना है।
- परमेश्वर के साथ संगति करना प्रार्थना है।
- परमेश्वर के साथ सहभागिता करना प्रार्थना है।
मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुन कर तुझे बढ़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता। (यिर्मयाह ३३:३)
सच्ची प्रार्थना आपको महान और सामर्थशाली बातों को प्रकट करेगी; जिन बातों के बारे में आपने कभी स्वप्ने में भी नहीं सोचा होगा। याबेस ने अपनी सफलता प्राप्त करने में प्रार्थना के महत्व को समझा और इसी प्रकार आपको भी करनी चाहिए।
प्रार्थना दैवत्व और मानवता के बीच का मिलन मुद्दा है। अगर प्रार्थना करने के लिए कोई पुरुष या महिला है तो उत्तर देने के लिए एक परमेश्वर है। युद्ध के मैदान की तुलना में घुटनों पर अधिक जीत हासिल की जाती है।
इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए। इसलिये पहिले तुम उनके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। (मत्ती ६:३१-३३)
एक पुरुष या स्त्री जो परिश्रम से प्रभु की खोज करता है वह कभी भी परिस्थितियों की दया पर नहीं होगा।
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प्रार्थना
१. पिता, यीशु के नाम में, मैं अपने जीवन में प्रतिदिन आपके वचन ग्रहण करने की सामर्थ प्राप्त करता हूं।
२. मैं वही हूँ जो परमेश्वर का वचन कहता है कि मैं हूँ। मैं पृथ्वी पर प्रभु यीशु मसीह की एक व्यक्त प्रतिरूप हूं। हर दिन मैं परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते में बढ़ रहा हूं।
३. पिता, यीशु के नाम पर, मैं प्रार्थना करता हूं कि मैं अपने पूरेपन के साथ आपके सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाऊं। (इफिसियों ३:१९)
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