बाइबल फाटकों के बारे में बहुत कुछ बताती है। जैसे वे स्वाभाविक आयाम में द्वारपाल हैं, वैसे ही परमेश्वर ने भी हमें आत्मिक आयाम में द्वारपाल कहा है।
मैं आपको स्वाभाविक आयाम में एक द्वारपाल का उदाहरण देता हूं। जब आप हवाई जहाज (विमान) से यात्रा करते हैं, तो आप विमान में नहीं चढ़ सकते। वहाँ जाने के लिए बहुत सारे फाटक (द्वार) हैं। वे विभिन्न फाटकों पर आपके सभी दस्तावेजों की जांच करते हैं और उसके बाद ही आप विमान में चढ़ सकते हैं।
ये द्वारपाल लोगों को छानते हैं ताकि विमान में जाने वाले लोगों की सुरक्षित यात्रा हो सके। ये द्वारपाल सुरक्षा की दीवार के रूप में कार्य करते हैं।
द्वारपाल इस प्रकार थे: शल्लूम, अक्कूब, तल्मोन, अहिमन और उन में से तो मुख्य शल्लूम था (१ इतिहास ९:१७)
आप देख सकते हैं कि बाइबल द्वारपालों को इतना अंगीकार करती है कि उन्हें नाम से उल्लेखित किया जाता है। इससे आप समझ सकते हैं कि फाटकों की सुरक्षा के लिए प्रभु कितना महत्व रखते हैं।
राजा दाऊद फाटकों की सुरक्षा का महत्व जानता था। दाऊद ने कहा, "दुष्टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना (द्वारपाल) ही मुझे अधिक भावता है।" (भजन संहिता ८४:१०)
हमारे पास तीन फाटक हैं जिनके माध्यम से हमारे जीवन तक पहुंचने की प्रदान दी गई है। हमारे पास एक आंख की फाटक, कान की फाटक और मुंह का फाटक।
आंख की फाटक और कान की फाटक हमारे जीवन में केवल दो मुख्य प्रवेश मुद्दा हैं। हम अपनी आँखों से जो देखते हैं और अपने कानों से जो सुनते हैं वह हमारे ह्रदय में जाता है और फिर हमारे मुंह से निकलता है।
प्रभु हमें अपने कान की फाटक और आंख की फाटक की रक्षा करने के लिए बुला रहे हैं, ऐसा करने से हम अपने हृदय की रक्षा करते हैं और फिर हम अपने मुंह के फटाक की भी रक्षा कर सकते हैं।
ऐसा करने से, आप अपनी दुनिया और अपने आस-पास के लोगों की दुनिया को बदलेंगे।
प्रार्थना
पिता, यीशु के नाम में, मैं अपनी आंखे और अपने कानों को आपके धार्मिकता के अंग के रूप में समर्पण करता हूँ। हे यहोवा, मेरे मुंह का पहरा बैठा, मेरे होठों के द्वार पर रखवाली कर! आमीन।
Join our WhatsApp Channel
Most Read
● परीक्षा में विश्वास● प्रार्थना में तत्परता
● राजभवन के पीछे का व्यक्ति
● स्वप्न हत्यारों (स्वप्न को घात करनेवाला)
● सफलता का परीक्षा
● विचारों के प्रवाह का मार्ग पार करना
● दिन २१: २१ दिन का उपवास और प्रार्थना
टिप्पणियाँ