डेली मन्ना
दिन ०१: ४० दिन का उपवास और प्रार्थना
Friday, 22nd of November 2024
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उपवास और प्रार्थना
परमेश्वर के साथ गहराई में
परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। इस प्रकार से मैं ने पवित्रास्थान में तुझ पर दृष्टि की, कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूं। क्योंकि तेरी करूणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा। (भजन संहिता ६३:१-३)
क्या आप यीशु के पीछे चलने के प्रति गंभीर हैं? परन्तु वह "... अलग जाकर प्रार्थना किया करता था'' (लूका ५१६ )। वह "प्रार्थना करने के लिये पहाड़ पर चढ़ गया" (मत्ती १४:२३)। धोखेबाज़ याकूब “इस्राएल, परमेश्वर के साथ राजकुमार” कैसे बना? (उत्पत्ति ३२:२८ पढ़िए)। बाइबल कहती है कि वह ''अकेला रह गया था, और एक मनुष्य (यहोवा का दूत) पह फटते तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा'' (उत्पत्ति ३२:२४)।
जिस प्रकार पति और पत्नी एक साथ कभी अकेले न हों तो विवाह बिगड़ जाएगा, वैसे ही, मसीह के साथ हमारा रिश्ता भी विफल हो जाएगा यदि हमारे आत्मिक जीवन में उनके साथ अकेले बिताया गया कोई भी समय शामिल नहीं है। व्याकुलता (मन भटकने) के इस युग में, परमेश्वर के साथ अकेले समय बिताने की प्राथमिकता बनानी होगी।
परमेश्वर के साथ अकेले समय कैसे बिताए
१. प्रार्थना के लिए विशिष्ट समय निर्धारित करें
दानिय्येल को प्रतिदिन तीन बार प्रार्थना करने की आदत थी। "10 जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा" (दानिय्येल ६:१०)।
इस उपवास के समय के दौरान, सुनिश्चित करें कि आप प्रार्थना और संगति में परमेश्वर के साथ अकेले में अच्छा समय बिताएं। यिर्मयाह ने लिखा, "तेरे हाथ के दबाव से मैं अकेला बैठा" (यिर्मयाह १५:१७)।
२. स्तुति और आराधना
हमें धन्यवाद और स्तुति के साथ परमेश्वर की उपस्थिति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो,
उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो! (भजन संहिता १००:४)
३. आत्मिक प्रार्थना या आत्मा में प्रार्थना करना
प्रार्थना दो प्रकार की होती है:
- मानसिक प्रार्थना और
- आत्मिक प्रार्थना
मानसिक प्रार्थना तब होती है जब आप अपनी समझ और मन से प्रार्थना कर रहे होते हैं, जबकि आत्मिक प्रार्थना तब होती है जब आप अन्य भाषाओं में प्रार्थना कर रहे होते हैं।
इसलिये यदि मैं अन्य भाषा में प्रार्थना करूं, तो मेरी आत्मा प्रार्थना करती है, परन्तु मेरी बुद्धि काम नहीं देती। सो क्या करना चाहिए मैं आत्मा से भी प्रार्थना करूंगा, और बुद्धि से भी प्रार्थना करूंगा; मैं आत्मा से गाऊंगा, और बुद्धि से भी गाऊंगा।(१ कुरिन्थियों १४:१४-१५)
४. वचनों का अध्ययन और खोज करना
जब आप वचन पढ़ते हैं, तो आप परमेश्वर के साथ सीधे संगति में होते हैं। वचन परमेश्वर है, और परमेश्वर के वचन को पढ़ने का अनुभव व्यक्तिगत रूप से परमेश्वर के साथ आमने-सामने बातचीत करने के समान है।
परमेश्वर के साथ अकेले में समय बिताने के लाभ
- रहस्य खुलेंगे
परमेश्वर सर्व ज्ञानी और सर्वव्यापी है। आप उनके साथ अकेले समय बिताने और अज्ञानी बने नहीं रह सकते हैं। "वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है। (दानिय्येल २:२२)
- आप बलवंत होंगे
जब आप परमेश्वर के साथ अकेले समय बिताते हैं, तो आप न केवल शारीरिक नये बल प्राप्त करते हैं, बल्कि आप आत्मिक ईंधन (नया बल) और ताज़गी का भी आनंद लेते हैं। यशायाह ४०:३१ कहता है, "31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे॥"
भजन संहिता ६८:३५ के अनुसार, इस्राएल का परमेश्वर ही "अपनी प्रजा को सामर्थ्य और शक्ति का देने वाला है।" परमेश्वर के साथ अकेले समय बिताएं, और वह आपको शक्ति और सामर्थ्य देगा।
- आप पवित्र आत्मा से भर जाएंगे
"और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ। (इफिसियों ५:१८) जब आप परमेश्वर की आत्मा से भर जाते हैं, तो आपका जीवन पूरी तरह से पवित्र आत्मा से प्रभावित होगा।
परमेश्वर के साथ आपकी संगति के समय में पाया गया अभिषेक शैतानी जुए को तोड़ देगा
उस समय ऐसा होगा कि उसका बोझ तेरे कंधे पर से और उसका जूआ तेरी गर्दन पर से उठा लिया जाएगा, और अभिषेक के कारण वह जूआ तोड़ डाला जाएगा। (यशायाह १०:२७)
- आप परमेश्वर के स्वरूप में रूपांतरित हो जाओगे
परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं॥ (२ कुरिन्थियों ३१८)
परमेश्वर को अपना पूरा मन और साथ ही कुछ योगय समय दें। परमेश्वर के साथ गहराई में जाने के लिए ये दो प्रमुख शर्तें हैं।
Bible Reading Plan : Matthew 1-7
प्रार्थना
१. हे यहोवा, मुझ पर हर तरह से दया कर क्यूंकि पाप ने मुझे आपसे दूर कर दिया है। (भजन संहिता ५१ : १-२, १ यूहन्ना १:९)
२. मैं यीशु के नाम में परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते को प्रभावित करने वाले पाप के हर प्रभाव को नीचे खींचता हूं। (इब्रानियों १२:१,
रोमियों ६: १२-१४)
३. मैं उन गलती, झूठ, शक और भयों को दूर करता हूं जो मेरे मन में युद्ध कर रहे हैं, यीशु के नाम में। ( २ कुरिन्थियों १०:४-५, यशायाह ४१:१०)
४. पिता! मेरी आंखें खोल दे ताकि मैं तेरी व्यवस्था के अद्भुत बातें को देख सकूं, यीशु के नाम में। (भजन संहिता ११९:१८, इफिसियों १:१७-१८)
५. यीशु के नाम में, मैं यीशु के नाम में अपने स्वर्गीय पिता के साथ संगति पुनःस्थापित करने के लिए अनुग्रह को प्राप्त करता हूं। ( २ कुरिन्थियों १३:१४, याकूब ४:८)
६. हे प्रभु! मेरे आत्मिक मनुष्य को बल दे। (इफिसियों ३:१६, यशायाह ४०: २९, मत्ती ११: २८-३०)
७. मेरी आत्मिक शक्ति को खत्म करने वाली कोई भी चीज़ यीशु के नाम में नष्ट हो जाए। ( यशायाह ४०:२९, मत्ती११: २८-३०)
८. परमेश्वर की चीज़ों से मुझे दूर करने के लिए रचे गए धन के हर धोखे को मैं दूर कर देता हूं।(मत्ती ६: २४, १ तीमुथियुस ६: ९-१०)
९. पिता, मुझे यीशु के नाम में आपके प्रेम और आपके ज्ञान में बढ़ा। ( फिलिप्पियों १:९ , कुलुस्सियों १: १०)
१०. हे प्रभु, मुझे आपके और मनुष्योंके साथ यीशु के नाम में बुद्धि, महानता और अनुग्रह में बढ़ा। (लूका २ : ५२, याकूब १:५)
२. मैं यीशु के नाम में परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते को प्रभावित करने वाले पाप के हर प्रभाव को नीचे खींचता हूं। (इब्रानियों १२:१,
रोमियों ६: १२-१४)
३. मैं उन गलती, झूठ, शक और भयों को दूर करता हूं जो मेरे मन में युद्ध कर रहे हैं, यीशु के नाम में। ( २ कुरिन्थियों १०:४-५, यशायाह ४१:१०)
४. पिता! मेरी आंखें खोल दे ताकि मैं तेरी व्यवस्था के अद्भुत बातें को देख सकूं, यीशु के नाम में। (भजन संहिता ११९:१८, इफिसियों १:१७-१८)
५. यीशु के नाम में, मैं यीशु के नाम में अपने स्वर्गीय पिता के साथ संगति पुनःस्थापित करने के लिए अनुग्रह को प्राप्त करता हूं। ( २ कुरिन्थियों १३:१४, याकूब ४:८)
६. हे प्रभु! मेरे आत्मिक मनुष्य को बल दे। (इफिसियों ३:१६, यशायाह ४०: २९, मत्ती ११: २८-३०)
७. मेरी आत्मिक शक्ति को खत्म करने वाली कोई भी चीज़ यीशु के नाम में नष्ट हो जाए। ( यशायाह ४०:२९, मत्ती११: २८-३०)
८. परमेश्वर की चीज़ों से मुझे दूर करने के लिए रचे गए धन के हर धोखे को मैं दूर कर देता हूं।(मत्ती ६: २४, १ तीमुथियुस ६: ९-१०)
९. पिता, मुझे यीशु के नाम में आपके प्रेम और आपके ज्ञान में बढ़ा। ( फिलिप्पियों १:९ , कुलुस्सियों १: १०)
१०. हे प्रभु, मुझे आपके और मनुष्योंके साथ यीशु के नाम में बुद्धि, महानता और अनुग्रह में बढ़ा। (लूका २ : ५२, याकूब १:५)
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