मैं अपनी प्रजा से क्रोधित हूं। (यशायाह ४७:६)
बाबुल ने सोचा कि उसने अपनी शक्ति के माध्यम से यहूदा और यरूशलेम पर विजय प्राप्त की है। लेकिन बाबुल ने यह नहीं देखा कि उसने वास्तव में उन पर विजय प्राप्त की थी क्योंकि परमेश्वर अपनी प्रजा से क्रोधित थे। और इसलिए बाबुल को अपने काम के साधन के रूप में इस्तेमाल किया। परमेश्वर कहते हैं, "तुम्हें पता नहीं था कि मैंने उन्हें तुम्हारे हाथ में दे दिया है।"
बाबुल के पास अचानक अपमान का कारण क्यों आया। (यशायाह ४७:८-९ पढ़िए)
तेरे बहुत से टोनों और तेरे भारी भारी तन्त्र-मन्त्रों के रहते भी ये तुझ पर अपने पूरे बल से आ पड़ेंगे॥ (यशायाह ४७:९)
बाबुल एक जगह के रूप में प्रसिद्ध था और गुप्त कला और प्रथाओं के लिए प्रजनन स्थल था।
बाबुल का घमंड और अहंकार को फटकार लगाया। (यशायाह ४७:१०-११ पढ़िए)
बाबुल के घमंड की फटकार, पवित्रशास्त्र में तीन बार दोहराए गए सिद्धांत की एक सरल पूरा हुआ है: परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है। (नीतिवचन ३:३४, याकूब ४:६, १ पतरस ५:५)।
अब तेरे ज्योतिषी जो नक्षत्रों को ध्यान से देखते और नये नये चान्द को देखकर होनहार बताते हैं, वे खड़े हो कर तुझे उन बातों से बचाए जो तुझ पर घटेंगी॥ (यशायाह ४७:१३)
मूसा के समय में भी जादूगर परमेश्वर के प्रकोप से फिरौन को बचा नहीं पाए या उसकी मदद नहीं कर सके।
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