और राजा ने आज्ञा दी कि उसके भोजन और पीने के दाखमधु में से उन्हें प्रतिदिन खाने-पीने को दिया जाए। इस प्रकार तीन वर्ष तक उनका पालन पोषण होता रहे; तब उसके बाद वे राजा के साम्हने हाजिर किए जाएं। (दानिय्येल १:५)
प्रशिक्षण जरुरी था ताकि वे सांसारिक राजा नबूकदनेस्सर की सेवा कर सकें। यदि सांसारिक राजा की सेवा के लिए प्रशिक्षण जरुरी था, तो कोई कल्पना कर सकता है कि स्वर्गीय राजा - प्रभु यीशु की सेवा करने में प्रशिक्षण या तैयारी की कितना महत्व है।
ओलिंपिक योद्धा के विपरीत जिन्होंने अपने लक्ष्य में इतना समय और समर्पण लगाया, हम अक्सर धार्मिकता की खोज में उदासीन हो जाते हैं। (नीतिवचन २१:२१)
उन में यहूदा की सन्तान से चुने हुए, दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह नाम यहूदी थे। और खोजों के प्रधान ने उनके दूसरे नाम रखे; अर्थात दानिय्येल का नाम उसने बेलतशस्सर, हनन्याह का शद्रक, मीशाएल का मेशक, और अजर्याह का नाम अबेदनगो रखा॥ (दानिय्येल १:६-७)
दानिय्येल - बेलतशस्सर
हनन्याह - शद्रक
मीशाएल - मेशक
अजर्याह - आबेदनगो
परमेश्वर ने खोजों के प्रधान के मन में दानिय्येल के प्रति कृपा और दया भर दी। (दानिय्येल १:९)
कबूल करना: परमेश्वर मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों के लोगों को अनुग्रह और ख्याति में ला रहे हैं...
मुंबई
नवी मुंबई आदि
और राजा उन से बातचीत करने लगा; और दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह के तुल्य उन सब में से कोई न ठहरा; इसलिये वे राजा के सम्मुख हाजिर रहने लगे। (दानिय्येल १:१९)
ध्यान दें, कि यह राजा था जिसने उनका साक्षात्कार किया था और न कोई अधिकारियों ने।