…..उसका मन बहुत ही व्याकुल हो गया और उसको नींद न आई। (दानिय्येल २:१)
यदि मानव आत्मा (मन) नींद के परिणामों के नुकसान से परेशान है।
बाइबल अक्सर चिंता के साथ अनिद्रा (नींद न आने) की तुलना करती है (दानिय्येल २:१), व्याकुल या पाप (नीतिवचन ४:१४-१६)। अनिद्रा अपने आप में पाप नहीं है, लेकिन इसके कारण हो सकते हैं।
११ वह तो इन लोगों से परदेशी होंठों और विदेशी भाषा वालों के द्वारा बातें करेगा; १२ जिन से उसने कहा, विश्राम इसी से मिलेगा; इसी के द्वारा थके हुए को विश्राम दो; परन्तु उन्होंने सुनना न चाहा। (यशायाह २८:११-१२)
अन्य भाषा में प्रार्थना करने से मानव की आत्मा शांत हो सकती है।
परमेश्वर की आराधना करने से मानव की आत्मा शांत होती है।
इस पर राजा ने झुंझलाकर, और बहुत की क्रोधित हो कर, बाबुल के सब पण्डितों के नाश करने की आज्ञा दे दी। (दानिय्येल २:१२)
सताव (दुःख या पीडन) से पता चलेगा कि कौन वास्तव में बुद्धिमान व्यक्ति थे।
सताव से पता चलेगा कि परमेश्वर के सच्चे सेवक कौन हैं।
तब दानिय्येल ने अपने घर जा कर, अपने संगी हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह को यह हाल बता कर कहा, इस भेद के विषय में स्वर्ग के परमेश्वर की दया के लिये यह कह कर प्रार्थना करो, कि बाबुल के और सब पण्डितों के संग दानिय्येल और उसके संगी भी नाश न किए जाएं। (दानिय्येल २:१७-१८)
उन्होंने एक साथ प्रार्थना की। यह सहमति की प्रार्थना थी। "क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहां मैं उन के बीच में होता हूं॥" (मत्ती १८:२०)
एक साथ प्रार्थना करने में सामर्थ है। व्यवस्थाविवरण यहोवा की सेना यह कहता है कि 'एक व्यक्ति एक हजार का पीछा कर (सकता है), या उनके दस हजार को दो मनुष्य भगा देते' (३२:३०)। परमेश्वर के सामने एक साथ होने में कई गुना प्रभाव है। यह प्रेरितों के काम १:१४ की समष्टिगत प्रार्थना थी जिसने प्रेरितों के काम २:४२-४७ की समष्टिगत सामर्थ का प्रस्तुत किया।
इतना सुनकर नबूकदनेस्सर राजा ने मुंह के बल गिर कर दानिय्येल को दण्डवत की, और आज्ञा दी कि उसको भेंट चढ़ाओ, और उसके साम्हने सुगन्ध वस्तु जलाओ। (दानिय्येल २:४६)
राजा अपने परमेश्वर को जानने वाले व्यक्तियों के आगे दण्डवत (पराजित) हो जाएंगे। यदि आप अपने मुंह के बल गिरने के बजाय राजाओं के मुंह के बल गिर रहे हैं तो हम अपने परमेश्वर को नहीं जानते हैं।