परन्तु अगाग पर, और अच्छी से अच्छी भेड़-बकरियों, गाय-बैलों, मोटे पशुओं, और मेम्नों, और जो कुछ अच्छा था, उन पर शाऊल और उसकी प्रजा ने कोमलता की, और उन्हें सत्यानाश करना न चाहा; परन्तु जो कुछ तुच्छ और निकम्मा था उसको उन्होंने सत्यानाश किया॥ (१ शमूएल १५:९)
अधूरा आज्ञाकारिता खतरनाक है।
शाऊल ने अगाग के राजा को इस्तमाल किया। लोगों ने भेड़-बकरियों और बैलों का सबसे अच्छा इस्तेमाल किया। लोग केवल वही अनुकरण करेंगे जो अगुवे करते हैं।
शाऊल ने अमालेकियों पर विजय प्राप्त की लेकिन ये परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता का प्रतीक नहीं था क्योंकि शाऊल ने परमेश्वर को चुनिंदा तरीके से पालन किया। (१ शमूएल १५:८-९)
यहां तक कि आपकी जीत आज्ञा का उल्लंघन से भी संक्रमित हो सकती है। सिर्फ इसलिए कि आपको जीत मिली इसका मतलब यह नहीं है कि आपने पूरी तरह से परमेश्वर की आज्ञा मानी है।
पीछे हटना भी सत्य है, सिर्फ इसलिए कि आपने एक लड़ाई खो दी है इसका मतलब यह नहीं है कि आपने भगवान की अवज्ञा की है। यहां तक कि आपकी विफलता में भी आज्ञाकारिता हो सकती है।
उदाहरण के लिए: यूसुफ ने प्रभु की आज्ञा मानी और अभी भी बन्दीगृह में है। पौलुस और सिलास को सुसमाचार प्रचार करने के लिए पीटा गया था।
तब शमूएल का क्रोध भड़का; और वह रात भर यहोवा की दोहाई देता रहा। (१ शमूएल १५:११)
सच यह है कि परमेश्वर ने शाऊल को राजा शमूएल का क्रोध भड़कने से अस्वीकार किया जिसने उसका अभिषेक किया था। उसने फिर रात भर प्रार्थना की। पूरी रात प्रार्थना करना मतलब किसी जरूरी चीज के लिए प्रार्थना करना जैसा है।
शाऊल ने कहा, "वे तो अमालेकियों के यहां से आए हैं; अर्थात प्रजा के लोगों ने अच्छी से अच्छी भेड़-बकरियों और गाय-बैलों को तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये बलि करने को छोड़ दिया है; और बाकी सब को तो हम ने सत्यानाश कर दिया है।" (१ शमूएल १५:१५)
अगुआ अपने लोगों के लिए जिम्मेदार होता है। वह लोगों पर दोष नहीं लगा सकता।
परन्तु प्रजा के लोग लूट में से भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, अर्थात सत्यानाश होने की उत्तम उत्तम वस्तुओं को गिलगाल में तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये बलि चढ़ाने को ले आए हैं। (१ शमूएल १५:२१)
लोग लूट का माल ले गए। शाऊल एक कमजोर अगुआ था।
२४ शाऊल ने शमूएल से कहा, मैं ने पाप किया है; मैं ने तो अपनी प्रजा के लोगों का भय मानकर और उनकी बात सुनकर यहोवा की आज्ञा और तेरी बातों का उल्लंघन किया है। २५ परन्तु अब मेरे पाप को क्षमा कर, और मेरे साथ लौट आ, कि मैं यहोवा को दण्डवत करूं। (१ शमूएल १५:२४-२५)
शाऊल ने यहोवा की उपासना की। कोई आज्ञा का उल्लंघन करने से भी यहोवा की उपासना कर सकता है।
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