संख्या छ: मनुष्यों के लिए क्योंकि परमेश्वर ने छठवें दिन में उसकी सृष्टि की।
तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा कि वह बहुत ही अच्छा है। तथा सांझ हुई, फिर भोर हुआ ।इस प्रकार छठवां दिन हो गया। ( उत्पति 1ः27,31 )
तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा कि वह बहुत ही अच्छा है। तथा सांझ हुई, फिर भोर हुआ ।इस प्रकार छठवां दिन हो गया। ( उत्पति 1ः27,31 )
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