संख्या चार परमेश्वर के रचनात्मक कार्यों का प्रतीक है।
संख्या चार का अर्थ सृष्टि से प्राप्त होता है।
चार ये सृष्टि की संख्या है, और पृथ्वी से इसका विशेष महत्व है।
संख्या चार पृथ्वी की सम्पूर्णता का चिन्ह है। चौथे दिन में पृथ्वी पर के सभी सामग्रियों को बनाया गया था।
संख्या चार, यह बड़े तत्वों की संख्या है। जो हैं पृथ्वी, हवा, आग, और पानी।
चार दिशाएँ हैंः पूृर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण।
साल में चार ऋतुएं होती हैं : वर्षा, सर्दी, वसंत, और गर्मी।
चंद्रमा के चार चरण हैं: पहला, आधा, पूर्ण और अंतिम।
संख्या चार का अर्थ सृष्टि से प्राप्त होता है।
चार ये सृष्टि की संख्या है, और पृथ्वी से इसका विशेष महत्व है।
संख्या चार पृथ्वी की सम्पूर्णता का चिन्ह है। चौथे दिन में पृथ्वी पर के सभी सामग्रियों को बनाया गया था।
संख्या चार, यह बड़े तत्वों की संख्या है। जो हैं पृथ्वी, हवा, आग, और पानी।
चार दिशाएँ हैंः पूृर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण।
साल में चार ऋतुएं होती हैं : वर्षा, सर्दी, वसंत, और गर्मी।
चंद्रमा के चार चरण हैं: पहला, आधा, पूर्ण और अंतिम।
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