इस्राएलियों में से जितने कनान में की लड़ाईयों में भागी न हुए थे, उन्हें परखने के लिये यहोवा ने इन जातियों को देश में इसलिये रहने दिया; कि पीढ़ी पीढ़ी के इस्राएलियों में से जो लड़ाई को पहिले न जानते थे वे सीखें, और जान लें, ये इसलिये रहने पाए कि उनके द्वारा इस्राएलियों की बात में परीक्षा हो, कि जो आज्ञाएं यहोवा ने मूसा के द्वारा उनके पूर्वजों को दिलाई थीं, उन्हें वे मानेंगे वा नहीं। (न्यायियों ३:१-२, ४)
आपके जीवन में शत्रु का उद्देश्य
१. आपको परखने के लिए।
२. ताकि आप जान सकें कि कैसे लड़ना है - आत्मिक युद्ध। इससे आत्मिक शक्तियों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
३. यह जानने के लिए कि क्या वे प्रभु की आज्ञाओं का पालन करेंगे।
ये इसलिये रहने पाए कि उनके द्वारा इस्राएलियों की बात में परीक्षा हो, कि जो आज्ञाएं यहोवा ने मूसा के द्वारा उनके पूर्वजों को दिलाई थीं, उन्हें वे मानेंगे वा नहीं। (न्यायियों ३:४)
खजूर पेड़ का शहर जो यरीहो है - न्यायियों ३:१३
उसके बाद अनात का पुत्र शमगर हुआ, उसने छ: सौ पलिश्ती पुरूषों को बैल के पैने से मार डाला; इस कारण वह भी इस्राएल का छुड़ाने वाला हुआ॥ (न्यायियों ३:३१)
परमेश्वर ने शमगर का उपयोग बैल के बकरे के साथ किया। परमेश्वर अक्सर तुच्छ चीजों का उपयोग करता है और काम पूरा कराता है।
मैंने अक्सर मसीहीयों को यह कहते हुए सुना है, "परमेश्वर हमें सर्वश्रेष्ठ देता है" और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हमें सर्वश्रेष्ठ देना ये परमेश्वर की इच्छा है।
हालाँकि, जब परमेश्वर का अभिषेक उन चीज़ों पर आता है, जो हमारे पास पहले से ही हैं (तुच्छ चीजें) तो वह अभी भी उन चीज़ों से काम करा सकता है।
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