हे परमेश्वर के पुत्रों यहोवा का, हां यहोवा ही का गुणानुवाद करो,
यहोवा की महिमा और सामर्थ को सराहो।
यहोवा के नाम की महिमा करो;
पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो। (भजन संहिता २९:१-२)
यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा॥ (भजन संहिता २९:११)
ध्यान दीजिए भजन संहिता यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा ही का गुणानुवाद करो (यहोवा को दो)... से शुरु होता है।
और "यहोवा देगा" के साथ समाप्त होता है।
अगर हमें ग्रहण (प्राप्त) करना है तो हमें देने की जरुरत है। ग्रहण करने से पहले देना है।
यहोवा की वाणी का सात वर्णन (प्रकार)
१. यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुन पड़ती है;
प्रतापी ईश्वर गरजता है,
यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है। (भजन संहिता २९:३)
२. यहोवा की वाणी शक्तिशाली है। (भजन संहिता २९:४ए)
३. यहोवा की वाणी प्रतापमय है। (भजन संहिता २९:४ब)
४. यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है;
यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है।
वह उन्हें बछड़े की नाईं और लबानोन और
शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है॥ (भजन संहिता २९:५-६)
५. यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है। (भजन संहिता २९:७)
६. यहोवा की वाणी वन को हिला देती है,
यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है॥ (भजन संहिता २९:८)
७. यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है।
और अरण्य में पतझड़ होती है;
और उसके मन्दिर में सब कोई महिमा ही महिमा बोलता रहता है॥ (भजन संहिता २९:९)
जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था;
और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है। (भजन संहिता २९:१०)
यहाँ हम शांत, भयंकर पानी पर प्रभु को राजा के रूप में विराजमान होते हुए देखते हैं। ये प्रकोप पानी बुरी आत्मिक शक्तियों के प्रभुत्व के तहत दुनिया के विशान्तिहीन, विद्रोही देशों का प्रतीक हैं। पतमुस पर उनकी दर्शन में, यूहन्ना ने एक वेश्या को कई पानी पर बैठे देखा, और उसने मुझ से कहा, कि "जो पानी तू ने देखे, जिन पर वेश्या बैठी है, वे लोग, और भीड़ और जातियां, और भाषा हैं।" (प्रकाशित वाक्य १७:१५)। ये भी, परमेश्वर के लोगों के रूप में, हमारे प्रति शत्रुतापूर्ण हैं।
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Chapters
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- अध्याय ११
- अध्याय १२
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- अध्याय १३०
- अध्याय १३१
- अध्याय १३२
- अध्याय १३३
- अध्याय १३८
- अध्याय १३९
- अड्याय १४०
- अध्याय १४२
- अध्याय १४४
- अध्याय १४५
- अध्याय १४८
- अध्याय १४९
- अध्याय १५०