अलौकिक बल (सामर्थ्य)- दुष्टात्मा कब्जे का संकेत (मरकुस ५:१-५)
और यीशु के पास आकर, वे उस को जिस में दुष्टात्माएं थीं, अर्थात जिस में सेना समाई थी, कपड़े पहिने और सचेत बैठे देखकर, डर गए। (मरकुस ५:१५)
कैसी विडंबना? जब वह व्यक्ति में दुष्टात्माएं थीं, तब लोग उससे डरे नहीं थे लेकिन जब वह व्यक्ति सचेत से बैठा था, सही मन से कपड़े पहिने था लोग डर गए। ऊंचे स्थानों के लोग भ्रष्ट लोगों से नहीं डरते, वे सच बोलने और सच्चाई से जीने वाले लोगों से डरते हैं।
चार प्रार्थना बिनती (मांग)
बिनती#१
वह यीशु को दूर ही से देखकर दौड़ा, और उसे प्रणाम किया। और ऊंचे शब्द से चिल्लाकर कहा; हे यीशु, पर मप्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम? मैं तुझे परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि मुझे पीड़ा न दे। (मरकुस ५:६-७)
बिनती#२
और उन्होंने उस से बिनती करके कहा, कि हमें उन सूअरों में भेज दे, कि हम उन के भीतर जाएं। सो उस ने उन्हें आज्ञा दी। (मरकुस ५:१२)
बिनती#३
और देखने वालों ने उसका जिस में दुष्टात्माएं थीं, और सूअरों का पूरा हाल, उन को कह सुनाया। और वे उस से बिनती कर के कहने लगे, कि हमारे सिवानों से चला जा। (मरकुस ५:१६-१७)
तीनों प्रार्थनाओं का उत्तर प्रभु ने दिया
लेकिन चौथे का उत्तर नहीं था।
बिनती#४
और जब वह नाव पर चढ़ने लगा, तो वह जिस में पहिले दुष्टात्माएं थीं, उस से बिनती करने लगा, कि मुझे अपने साथ रहने दे। (मरकुस ५:१८)
यीशु चाहता है कि हम उसके गवाह बनें। आप एक गवाह बनने के लिए चंगे और छुटकारे हो गए हैं।
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