आत्मिक समृद्धि (उन्नति) का रहस्य
हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है; कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों मे उन्नति करे, और भला चंगा रहे। (३ यूहन्ना २)सच्ची आत्मिक समृद...
हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है; कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों मे उन्नति करे, और भला चंगा रहे। (३ यूहन्ना २)सच्ची आत्मिक समृद...
एक धनवान मनुष्य था जो बैंजनी कपड़े और मलमल पहिनता और प्रति दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था। और लाजर नाम का एक कंगाल घावों से भरा हुआ उस की डेव...
फिर उस ने कहा, "किसी मनुष्य के दो पुत्र थे। उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उस ने उन को अपन...