एक कूशी स्त्री के साथ ब्याह कर लिया था। सो मरियम और हारून उसकी उस ब्याहिता कूशी स्त्री के कारण उसकी निन्दा करने लगे। (गिनती १२:१)
आमतौर पर कूशी का इथियोपिया के रूप में अनुवाद किया गया है (संभवतः पूरे मिस्र के दक्षिण में क्षेत्र - शेमोट रब्बा १०:२ देखें), एक जगह है जहाँ हबशी का निवास है। (उदाहरण के लिए यिर्मयाह १३:२३ देखें: "क्या हबशी अपना चमड़ा, वा चीता अपने धब्बे बदल सकता है?")
आपको किसी परमेश्वर के दास या दासी के खिलाफ बोलने का कारण नहीं ढूंढना है। आपके लिए हमेशा परमेश्वर के दास या दासी के खिलाफ बात करने का एक कारण होगा। बस मत करो।
आप एक भविष्यवक्ता हैं यह चिन्हों में से एक है
तब यहोवा ने कहा, मेरी बातें सुनो: यदि तुम में कोई नबी हो, तो उस पर मैं यहोवा दर्शन के द्वारा अपने आप को प्रगट करूंगा, वा स्वप्न में उससे बातें करूंगा। (गिनती १२:६)
परमेश्वर खुद को एक नबी को एक दर्शन या स्वप्न के द्वारा प्रकट करता हैं।
तब यहोवा का कोप उन पर भड़का, और वह चला गया; तब वह बादल तम्बू के ऊपर से उठ गया, और मरियम कोढ़ से हिम के समान श्वेत हो गई। और हारून ने मरियम की ओर दृष्टि की, और देखा, कि वह कोढ़िन हो गई है। (गिनती १२:९-१०)
हारून और मरियम दोनों ने पाप किया था और फिर भी मरियम केवल एक ही थी जो प्रभावित हुई थी। हारून को अपने पद के कारण महा याजक के रूप में संरक्षित किया गया था। जिस क्षण उसके कपड़े उतर गए, उसने उसे मार डाला।
और मरियम को उस मरे हुए के समान न रहने दे, जिसकी देह अपनी मां के पेट से निकलते ही अधगली हो। (गिनती १२:१२)
हारून एक कोढ़ी का वर्णन करता है।
यहोवा ने मूसा से कहा, यदि उसका पिता उसके मुंह पर थूका ही होता, तो क्या सात दिन तक वह लज्जित न रहती? सो वह सात दिन तक छावनी से बाहर बन्द रहे, उसके बाद वह फिर भीतर आने पाए। (गिनती १२:१४)
यहाँ तक कि यहोवा ने अपने आप को पिता से मरियम के रूप में पहचाना। हालांकि मरियम एक उच्च स्तर पर अगुआ थी क्योंकि उसने कुष्ठ रोग का अनुबंध कि थी, इसलिए उसे भी छावनी से बाहर रखा गया था। नियम सभी पर लागू होने चाहिए - चाहे आप अगुआ हों या नहीं।
अगुआई (नेतृत्व)
सो मरियम सात दिन तक छावनी से बाहर बन्द रही, और जब तक मरियम फिर आने न पाई तब तक लोगों ने प्रस्थान न किया। (गिनती १२:१५)
जब अगुवे पाप करते हैं, तो पूरे छावनी की प्रगति रुक जाती है।
उसके बाद (वे) उन्होंने हसेरोत से प्रस्थान करके पारान नाम जंगल में अपने डेरे खड़े किए॥ (गिनती १२:१६)
हसेरोत से हज़रत से पारान तक
अभिलाषा से लेकर सुन्दरता और महिमा तक
Chapters
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- अध्याय २
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- अध्याय १०
- अध्याय ११
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- अध्याय २८
- अध्याय २९
- अध्याय ३३