और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएं पर यों ही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई। (यूहन्ना ४:६)
इससे यीशु की मानवता का पता चलता है। वह थक हुआ था। (यूहन्ना ४:६)
और उस नगर के बहुत सामरियों ने उस स्त्री के कहने से, जिस ने यह गवाही दी थी, कि उस ने सब कुछ जो मैं ने किया है, मुझे बता दिया, विश्वास किया। (यूहन्ना ४:३९)
गवाही क्या है?
"गवाही" का अनुवाद ग्रीक शब्द मार्टीरिया से किया गया है, जिसका अर्थ है कि एक गवाही को भी परिभाषित किया जा सकता है, "क्या आपको लगभग मार डाला था।" यह इस बात का गवाह है कि आपने इसे अपने सबसे कठिन परीक्षण के माध्यम से कैसे बनाया, आपने अपने अतीत पर कैसे विजय पाया, या शायद, आप आज भी कैसे जीवित हैं।
इसे सीधे शब्दों में कहें, तो आपकी गवाही आपकी कहानी है, जिसमें उस दर्द को शामिल किया गया है, जिस रास्ते पर आप आज हैं।
अस्सीसी के संत फ्रांसिस ने एक बार कहा था, "सभी को सुसमाचार प्रचार करें और यदि जरुरत हो तो शब्दों का उपयोग करें।" कितना गहरा बयान है! मेरा विश्वास है कि वह कह रहा था कि सुसमाचार का एक जीवित उदाहरण सिर्फ शब्दों से अधिक प्रभावी है।
यीशु के साथ मिलनेवाली सामरी स्त्री की व्यक्तिगत गवाही का सामरी लोगो पर गहरा प्रभाव पड़ा। यह एक गवाही कर सकता है।
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