आठ
और जब उसका पुत्र इसहाक आठ दिन का हुआ, तब उसने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार उसका खतना किया। (उत्पत्ति
और जब उसका पुत्र इसहाक आठ दिन का हुआ, तब उसने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार उसका खतना किया। (उत्पत्ति
तीन ईश्वरीय का प्रतीक या दिव्य परिपूर्णता। इसलिए तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हे
सात और सात याजक सन्दूक के आगे आगे जुबली के सात नरसिंगे लिए हुए चलें,फिर सातवें दिन तुम नगर के चा
नौ अब तीसरा घंटा था (९ः००)और उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया।(मरकुस १५ः२५)तीसरे पहर यीशु के बड़े शब्द से
ग्यारह तब उन्होंने उन के बारे में चिट्यिां डाली,और चिट्यिां मतियाह के नाम पर निकली,सो वह उन ग्यारह प
दो सकारात्मकःएकता,गुणन,मिलन,विवाह,साक्षी,समझौता, शक्तिl नकारात्मक:नकारात्मकl परमेश्वर ने कहा:जल के
बारह इस्राएल के बारहों गोत्र ये ही है,और उनके पिता ने जिस जिस वचन से उन को आशीर्वाद दिया,सो ये ही ह
संख्या चार परमेश्वर के रचनात्मक कार्यों का प्रतीक है। संख्या चार का अर्थ सृष्टि से प्राप्त होता है।
5 (पांच) ये तैयारी की संख्या है। पांच बुद्धिमान कुँवारियां तैयार थीं। गोलियत को मारने के लिए दाऊ
संख्या छ: मनुष्यों के लिए क्योंकि परमेश्वर ने छठवें दिन में उसकी सृष्टि की। तब परमेश्वर ने मनुष्य क
और उसने उन तख्तियों पर वाचा के वचन अर्थात दस आज्ञाएं लिख दीं॥ (निर्गमन 34:28) दस नंबर हमारी बहुत श
संख्या 1 परमेश्वर की बात करता है, एकता, नयापन, नई शुरुआत, समय, स्थिति या व्यवस्था, महत्व और परमेश्व