जीप के लोग शाऊल से मिलने गिबा गये। उन्होंने शाऊल से कहा, “दाऊद हकीला की पहाड़ी में छिपा है। यह पहाड़ी यशीमोन के उस पार है।” (1 शमूएल 26:1)
जीपी नगर के लोगों ने पहले भी शाऊल को दाऊद के ठिकाने के बारे में बता दिया था (१ शमूएल २३:१९-२३)। अब वे दाऊद को एक बार फिर खोजने में उसकी सहायता करके राजा शाऊल का फिर से अनुग्रह प्राप्त करने का प्रयास कर रहते।
इसलिए दाऊद ने भाले और पानी के घड़े को लिया जो शाऊल के सिर के पास थे। तब दाऊद और अबीशै ने शाऊल के डेरे को छोड़ दिया। किसी ने यह होते नहीं देखा। कोई व्यक्ति इसके बारे में न जान सका। कोई भी व्यक्ति जागा भी नहीं। शाऊल और उसके सैनिक सोते रहे क्योंकि यहोवा ने उन्हें गहरी नींद में डाल दिया था। (1 शमूएल 26:12)
पवित्र शास्त्र बहुत स्पष्ट है कि दाऊद शाऊल की सिरहाने में जाने और वापस लौटने का एकमात्र कारण यह था कि यहोवा ने शाऊल के लोगों को गहरी नींद दी थी। यदि यहोवा ने ऐसा न किया होता, तो दाऊद इस कार्य में असफल हो जाता।
साथ ही, यहोवा ने ऐसा करने का एक और कारण यह भी था कि वह शायद दाऊद के हृदय की परीक्षा लेना चाहता था; क्या वह शाऊल पर प्रहार करेगा जब ऐसा करने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हों न हो।
तब शाऊल ने कहा, “मैंने पाप किया है। मेरे पुत्र दाऊद लौट आओ। आज तुमने दिखा दिया कि मेरा जीवन तुम्हारे लिये महत्व रखता है। इसलिये मैै तुम्हें चोट पहुँचाने का प्रयत्न नहीं करूँगा। मैंने मूर्खतापूर्ण काम किया है। मैंने एक भंयकर भूल की है।” (1 शमूएल 26:21)
यह वही बात है जो शाऊल ने पिछली बार कही थी
जीपी नगर के लोगों ने पहले भी शाऊल को दाऊद के ठिकाने के बारे में बता दिया था (१ शमूएल २३:१९-२३)। अब वे दाऊद को एक बार फिर खोजने में उसकी सहायता करके राजा शाऊल का फिर से अनुग्रह प्राप्त करने का प्रयास कर रहते।
इसलिए दाऊद ने भाले और पानी के घड़े को लिया जो शाऊल के सिर के पास थे। तब दाऊद और अबीशै ने शाऊल के डेरे को छोड़ दिया। किसी ने यह होते नहीं देखा। कोई व्यक्ति इसके बारे में न जान सका। कोई भी व्यक्ति जागा भी नहीं। शाऊल और उसके सैनिक सोते रहे क्योंकि यहोवा ने उन्हें गहरी नींद में डाल दिया था। (1 शमूएल 26:12)
पवित्र शास्त्र बहुत स्पष्ट है कि दाऊद शाऊल की सिरहाने में जाने और वापस लौटने का एकमात्र कारण यह था कि यहोवा ने शाऊल के लोगों को गहरी नींद दी थी। यदि यहोवा ने ऐसा न किया होता, तो दाऊद इस कार्य में असफल हो जाता।
साथ ही, यहोवा ने ऐसा करने का एक और कारण यह भी था कि वह शायद दाऊद के हृदय की परीक्षा लेना चाहता था; क्या वह शाऊल पर प्रहार करेगा जब ऐसा करने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हों न हो।
तब शाऊल ने कहा, “मैंने पाप किया है। मेरे पुत्र दाऊद लौट आओ। आज तुमने दिखा दिया कि मेरा जीवन तुम्हारे लिये महत्व रखता है। इसलिये मैै तुम्हें चोट पहुँचाने का प्रयत्न नहीं करूँगा। मैंने मूर्खतापूर्ण काम किया है। मैंने एक भंयकर भूल की है।” (1 शमूएल 26:21)
यह वही बात है जो शाऊल ने पिछली बार कही थी
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