परमेश्वर ने जो भी कहा है, वह सभी पर लागू होता है और उसे बदला नहीं जाएगा। (यहेजकेल ७:१३)
उन्होंने नरसिंगा फूंका और सब कुछ तैयार कर दिया; परन्तु युद्ध में कोई नहीं जाता क्योंकि देश की सारी भीड़ पर मेरा कोप भड़का हुआ है। (यहेजकेल ७:१४)
आने वाले आक्रमण के लिए संगठित प्रतिरोध विफल हो जाएगा। पाप ने देश के नैतिक साहस को नष्ट कर दिया था। युद्ध की तैयारी की जा चुकी थी, लेकिन सैनिकों के पास न तो ताकत थी और न ही दुश्मन का सामना करने की हिम्मत।
नरसिंगा फूंकी गई, लेकिन भयाक्रांत सैनिकों ने लड़ाई में जाने से इनकार कर दिया। परमेश्वर का कोप प्रतिरोध की उनकी शक्तियां छीन लिया।
नरसिंगा फूंकी गई (यहेजकेल ७:१४) लेकिन कोई भी लड़ाई में नहीं जाता है।
ये प्रतीकात्मक रूप से दुखद तथ्य की भी बात करता है कि लोग मध्यस्थता के लिए नहीं जाते हैं।
सब के घुटने अति निर्बल हो जाएंगे। (यहेजकेल ७:१७)
यह आतंक के क्षणों में मूत्राशय नियंत्रण के नुकसान के लिए एक व्यंजना है।
वे अपनी चान्दी सड़कों में फेंक देंगे,
और उनका सोना अशुद्ध वस्तु ठहरेगा;
यहोवा की जलन के दिन उनका सोना
चान्दी उन को बचा न सकेगी,
न उस से उनका जी सन्तुष्ट होगा,
न उनके पेट भरेंगे।
क्योंकि वह उनके अधर्म के ठोकर का कारण हुआ है। (यहेजकेल ७:१९)
हे धनवानों सुन तो लो; तुम अपने आने वाले क्लेशों पर चिल्ला-चिल्लाकर रोओ। तुम्हारा धन बिगड़ गया और तुम्हारे वस्त्रों को कीड़े खा गए। तुम्हारे सोने-चान्दी में काई लग गई है; और वह काई तुम पर गवाही देगी, और आग की नाईं तुम्हारा मांस खा जाएगी: तुम ने अन्तिम युग में धन बटोरा है। (याकूब ५:१-३)
Chapters
- अध्याय १
- अध्याय २
- अध्याय ३
- अध्याय ४
- अध्याय ५
- अध्याय ६
- अध्याय ७
- अध्याय ८
- अध्याय ९
- अध्याय १०
- अध्याय ११
- अध्याय १२
- अध्याय १३
- अध्याय १४
- अध्याय १५
- अध्याय १६
- अध्याय १७
- अध्याय २१
- अध्याय २२
- अध्याय २६
- अध्याय २७
- अध्याय २९
- अध्याय ३०
- अध्याय ३१
- अध्याय ३२
- अध्याय ३३
- अध्याय ३४
- अध्याय ३५
- अध्याय ३६
- अध्याय ३७
- अध्याय ३८
- अध्याय ४७
- अध्याय ४८