मैं उन से विरुद्ध हूंगा, और वे एक आग में से निकल कर फिर दूसरी आग का ईन्धन हो जाएंगे। (यहेजकेल १५:७)
हमें विश्वास से विश्वास की ओर बढ़ने की जरुरत है ताकि हमें अग्नि से अग्नि की ओर तक न जाना पड़े।
क्या कोई वस्तु बनाने के लिये उस में से लकड़ी ली जाती, वा कोई बर्तन टांगने के लिये उस में से खूंटी बन सकती है? वह तो ईन्धन बना कर आग में झोंकी जाती है; उसके दोनों सिरे आग से जल जाते, और उसके बीच का भाग भस्म हो जाता है, क्या वह किसी भी काम की है? देख, जब वह बनी थी, तब भी वह किसी काम की न थी, फिर जब वह आग का ईन्धन हो कर भस्म हो गई है, तब किस काम की हो सकती है? (यहेजकेल १५:३-५)
लोगों को अग्नि से अग्नि की ओर जाने का एक कारण यह है कि उन्होंने खुद को बनाने वाला (सृष्टिकर्ता) के लिए उपयोगी नहीं बनाया है - उन्होंने खुद को परमेश्वर के राज्य में उपयोगी नहीं बनाया है।
Chapters
- अध्याय १
- अध्याय २
- अध्याय ३
- अध्याय ४
- अध्याय ५
- अध्याय ६
- अध्याय ७
- अध्याय ८
- अध्याय ९
- अध्याय १०
- अध्याय ११
- अध्याय १२
- अध्याय १३
- अध्याय १४
- अध्याय १५
- अध्याय १६
- अध्याय १७
- अध्याय २१
- अध्याय २२
- अध्याय २६
- अध्याय २७
- अध्याय २९
- अध्याय ३०
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- अध्याय ३२
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- अध्याय ३५
- अध्याय ३६
- अध्याय ३७
- अध्याय ३८
- अध्याय ४७
- अध्याय ४८