और यहोवा ने उस से कहा, इस यरूशलेम नगर के भीतर इधर उधर जा कर जितने मनुष्य उन सब घृणित कामों के कारण जो उस में किए जाते हैं, सांसें भरते और दु:ख के मारे चिल्लाते हैं, उनके माथों पर चिन्ह कर दे। (यहेजकेल ९:४)
बूढ़े, युवा, कुंवारी, बाल-बच्चे, स्त्रियां, सब को मार कर नाश करो, परन्तु जिस किसी मनुष्य के माथे पर वह चिन्ह हो, उसके निकट न जाना। और मेरे पवित्र स्थान ही से आरम्भ करो। और उन्होंने उन पुरनियों से आरम्भ किया जो भवन के साम्हने थे [जिनके माथे पर परमेश्वर का छाप (चिन्ह) नहीं था]।
(यहेजकेल ९:६)
चिन्ह किसे मिलता है?
.... उन पुरुषों के माथे पर एक निशान स्थिर करें जो इसके बीच में किए गए सभी घृणाओं पर विलाप और पीड़ा करते हैं।
घृणा के साथ एक नगर की भीड़ में अभी भी वे लोग थे जो नगर में किए गए कामों के बारे में रो रहे थे और विलाप रहे थे। वे धर्मी लोग थे।
उत्पत्ति ४:१५ में, हम प्रभु को कैन से कहते हुए देखते हैं, "इस कारण यहोवा ने उससे कहा, जो कोई कैन को घात करेगा उससे सात गुणा पलटा लिया जाएगा।" और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा ने हो कि कोई उसे पाकर मार डाले॥"
चिन्ह ने कैन की रक्षा की। हमें नहीं पता कि वह चिन्ह क्या था।
जैसे यहोवा अपने लोगों को छाप लगाता है, वैसे ही शैतान भी अपने लोगों को छाप लगाता है।
प्रकाशितवाक्य १३:१६ हमें बताता है: "और उस (शैतान) ने छोटे, बड़े, धनी, कंगाल, स्वत्रंत, दास सब के दाहिने हाथ या उन के माथे पर एक एक छाप करा दी।"
यदि तुम संसार के होते, तो संसार अपनों से प्रीति रखता, परन्तु इस कारण कि तुम संसार के नहीं, वरन मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है इसी लिये संसार तुम से बैर रखता है। (यूहन्ना १५:१९)
आपको संसार के लोगों से अलग होना चाहिए। आप संसार के सिद्धांतों से बंधे नहीं हैं।
वह छाप क्या है जो परमेश्वर हम पर लगाते हैं?
छाप पवित्र आत्मा का अभिषेक है।
और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी। (इफिसियों १:१३)
छाप की जरुरत क्यों है?
१. सुरक्षा
किसी के पास न आएं जिस पर छाप हो।
यूहन्ना १६:१३ में यीशु बताते है, परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा।
२. सभी सत्य में मार्गदर्शन
वह आपको आने वाली बातों को बताएगा ताकि आप पहले से तैयार रहें।
बूढ़े, युवा, कुंवारी, बाल-बच्चे, स्त्रियां, सब को मार कर नाश करो, परन्तु जिस किसी मनुष्य के माथे पर वह चिन्ह हो, उसके निकट न जाना। और मेरे पवित्र स्थान ही से आरम्भ करो। और उन्होंने उन पुरनियों से आरम्भ किया जो भवन के साम्हने थे [जिनके माथे पर परमेश्वर का छाप (चिन्ह) नहीं था]।
(यहेजकेल ९:६)
परमेश्वर के घर पर परमेश्वर का न्याय शुरू होता है।
क्योंकि वह समय आ पहुंचा है, कि पहिले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए, और जब कि न्याय का आरम्भ हम ही से होगा तो उन का क्या अन्त होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते? (१ पतरस ४:१७)
[आत्मा] मेरे कानों में [दर्शन में] तेज आवाज के साथ, यह कहते हुए रोया, उन लोगों को आकर्षित करने के लिए जिनके पास शहर का प्रभार है [जल्लाद के रूप में], हर आदमी अपने हाथ में हथियार को नष्ट करने के साथ है। (यहेजकेल ९:९)
हम अक्सर शहर को नियंत्रित करने वाली बुरी शक्तियों की बात करते हैं। हालांकि, सच्चाई यह है कि स्वर्दूत बलों को भी हर शहर पर सौंपा गया है।
Chapters
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- अध्याय ७
- अध्याय ८
- अध्याय ९
- अध्याय १०
- अध्याय ११
- अध्याय १२
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- अध्याय ३८
- अध्याय ४७
- अध्याय ४८