यदि कोई मनुष्य बैल, वा भेड़, वा बकरी चुराकर उसका घात करे वा बेच डाले, तो वह बैल की सन्ती पाँच बैल, और भेड़-बकरी की सन्ती चार भेड़-बकरी भर दे। (निर्गमन २२:१)
चोरी के खिलाफ आदेश पहले से ही दस आज्ञाओं (निर्गमन २०:१५) में कहा गया था। यहाँ न्यायाधीशों को अधिक विशिष्ट सिद्धांत दिए गए हैं, इसलिए वे उस सिद्धांत को दिन में लागू कर सकें जो कि इस्राएल के लोगों के बीच न्याय का प्रशासन है।
अवश्य है कि वह हानि को भर दे, और यदि उसके पास कुछ न हो, तो वह चोरी के कारण बेच दिया जाए। (निर्गमन २२:३)
यदि वह व्यक्ति जो चुराया था, उसे वापस नहीं कर पाया, तो चोर को बेच दिया जाएगा और बिक्री का धन पीड़ित को चला जाएगा।
फिर यदि कोई दूसरे से पशु मांग लाए, और उसके स्वामी के संग न रहते उसको चोट लगे वा वह मर जाए, तो वह निश्चय उसकी हानि भर दे। (निर्गमन २२:१४)
जिम्मेदारी और हानि के सिद्धांतों ने उधार लेना और उधार देने के लिए भी लागू किया।
यदि कोई पुरूष किसी कन्या को जिसके ब्याह की बात न लगी हो फुसलाकर उसके संग कुकर्म करे, तो वह निश्चय उसका मोल देके उसे ब्याह ले। (निर्गमन २२:१६)
इस कानून ने इस सिद्धांत पर जोर दिया कि आकस्मिक यौन संबंध जैसी कोई बात नहीं है। पुराने और नए दोनों नियम में कहा गया है कि यौन संबंध स्थायी परिणाम लाता हैं (१ कुरिन्थियों ६:१५-१६)।
जो कोई पशुगमन करे वह निश्चय मार डाला जाए॥ (निर्गमन २२:१९)
पशुगमन करना मृत्यु से दंडनीय थी। प्राचीन लिखित प्रमाण के अनुसार, कनान में पशुगमन प्रचारित थी।
जो कोई यहोवा को छोड़ किसी और देवता के लिये बलि करे वह सत्यनाश किया जाए। (निर्गमन २२:२०)
प्राचीन इस्राएल में, मूर्तिपूजा देवताओं के लिए बलिदान करने के लिए कड़ाई से निषिद्ध था। यह कानून अक्सर टूट जाता था, और यह जुर्माना शायद ही कभी लागू किया गया था। इसके आवेदन का एक दुर्लभ उदाहरण तब था जब एलिय्याह ने १ राजा १८:४० में बाल के भविष्यद्वक्ताओं को मार डाला था।
किसी विधवा वा अनाथ बालक को दु:ख न देना। यदि तुम ऐसों को किसी प्रकार का दु:ख दो, और वे कुछ भी मेरी दोहाई दें, तो मैं निश्चय उनकी दोहाई सुनूंगा; (निर्गमन २२:२२-२३)
इसका विपरीत भी सही है। जब हम विधवाओं और अनाथ बालक के साथ सही व्यवहार करेंगे तो यहोवा हमारी ज़रूर सुनेगा और आशीष देगा।
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Chapters
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- अध्याय २०
- अध्याय २१
- अध्याय २२
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- अध्याय ४०