तुम्हारे पास से यहोवा के लिये भेंट ली जाए, अर्थात जितने अपनी इच्छा से देना चाहें वे यहोवा को भेंट दें। (निर्गमन ३५:५)
भेंट देने की इच्छा होनी चाहिए।
फिर यहोवा ने उसके मन में और दान के गोत्र वाले अहीसामाक के पुत्र ओहोलीआब के मन में भी शिक्षा देने की शक्ति दी है। (निर्गमन ३५:३४)
सिखाने की क्षमता यहोवा ने दी है,
जब आप सिखाते हैं, तो आप जैसे लोगों को तैयार करेंगे।
आराधना के चार उपाय
I. हम अपने समय के साथ परमेश्वर की आराधना करेंगे
निर्गमन ३५:१-३
II. आराधना में हमारा सर्वश्रेष्ठ देना शामिल है
निर्गमन ३५:४-९
III. हम अपनी प्रतिभा के साथ परमेश्वर की आराधना करेंगे
निर्गमन ३५:१०
IV. आराधना में एक इच्छुक मन शामिल है
निर्गमन ३५:५, २१, २२, २९
एक अध्याय में चार बार, प्रभु एक इच्छुक मन के सिद्धांत को दोहराता है।
Chapters
- अध्याय १
- अध्याय २
- अध्याय ३
- अध्याय ४
- अध्याय ५
- अध्याय ६
- अध्याय ७
- अध्याय ८
- अध्याय ९
- अध्याय १०
- अध्याय ११
- अध्याय १२
- अध्याय १३
- अध्याय १४
- अध्याय १५
- अध्याय १६
- अध्याय १७
- अधाय १८
- अध्याय १९
- अध्याय २०
- अध्याय २१
- अध्याय २२
- अध्याय २३
- अध्याय २४
- अध्याय २५
- अध्याय २६
- अध्याय २७
- अध्याय २८
- अध्याय २९
- अध्याय ३०
- अध्याय ३१
- अध्याय ३२
- अध्याय ३३
- अध्याय ३४
- अध्याय ३५
- अध्याय ३६
- अध्याय ३७
- अध्याय ३८
- अध्याय ३९
- अध्याय ४०