आकाशमण्डल यहोवा के वचन से,
और उसके सारे गण उसके मुंह ही श्वास से बने। (भजन संहिता ३३:६)
स्वर्गदूत आत्मा प्राणी हैं (अय्यूब ४:१५, भजन संहिता १०४:४, इब्रानियों १:७)। वे एक शरीर के बिना आत्मा हैं और परमेश्वर की बहुत श्वास के द्वारा बनाई गई थीं। हिब्रू शब्द होस्ट (गण) स्वर्गदूतों के स्वर्गीय गण को संदर्भित करता है। उत्पत्ति २:१ में भी यही शब्द पाया जाता है।
यह वचन परमेश्वर की रचनात्मक सामर्थ, उनकी प्रतिभा, और पराक्रम की विशालता को भी प्रदर्शित करती है। लेकिन, यह उनकी ओर से किए गए प्रयासों का एक बड़ा प्रदर्शन नहीं है। दूसरी ओर, हमारे छुटकारे में उसका सब कुछ कीमत होता है - वह उनका अपना बेटा।
क्योंकि जब उसने कहा, तब हो गया;
जब उसने आज्ञा दी, तब वास्तव में वैसा ही हो गया॥ (भजन संहिता ३३:९)
जरा कल्पना कीजिए, आपने कहा और यह तब हो गया। आपने आज्ञा दिया और फिर जैसा आप कहते हैं वैसा ही होता है। आपके पास परमेश्वार के मुंह की तरह एक मुंह है। कितना अधिक सावधान रहना चाहिए कि एक व्यक्ति क्या कहता है।
यहोवा की युक्ति सर्वदा स्थिर रहेगी,
उसके मन की कल्पनाएं पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी। (भजन संहिता ३३:११)
बाकी सब कुछ मार्ग से गिर जाएगा, लेकिन अगर यह यहोवा की युक्ति है, तो यह खड़ा होगा।
Chapters
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- अध्याय १३८
- अध्याय १३९
- अध्याय १४०
- अध्याय १४२
- अध्याय १४४
- अध्याय १४५
- अध्याय १४८
- अध्याय १४९
- अध्याय १५०